“11 साल हो गए होंगे, जब मुझे कैंसर हो गया था, पीजीआई के डॉक्टरों ने आधा गाल काटकर निकाल दिया, जान तो बच गई, पैसे भी बहुत खर्च हुए लेकिन उसके बाद संभलना बहुत मुश्किल हो गया था। आपरेशन के बाद जब मैं ठीक हुआ तो सबसे पहले ये काम किया कि ऐसी खेती करनी है जिसमें नुकसान न हो।"
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साधना शुक्ला
उत्तर प्रदेश टेक्निकल यूनिवर्सिटी से MBA करने के बाद, लगभग 3 साल दिल्ली की एक बड़ी रियल एस्टेट कंपनी में असिस्टेंट प्रोजेक्ट मैनेजर रह चुकी साधना को लिखने पढ़ने का शौक शुरुआत से ही था। इसी दौरान उन्हें देश के चहेते स्टोरी टेलर नीलेश मिसरा की मंडली जॉइन करने का मौका मिला और लिखने का सिलसिला चल पड़ा। साधना ने अब तक, रेडियो के एक शो 'यूपी की कहानियां' और सावन एप पर 'द नीलेश मिसरा शो' के लिए 25 से ज़्यादा कहानियां लिखीं है।