"मैं अपने वीडियोज़ में कोई मेकअप नहीं करती, घर के कपड़ों में होती हूँ और अपने छोटे से घर में ही रिकॉर्ड करती हूँ, ताकि मैं उन सब लोगों तक ये बात पहुँचा सकूं कि अगर आप में टैलेंट है तो ये सारी चीज़ें बिल्कुल मायने नहीं रखतीं," ममता कहती हैं।
साल 2007 में महेश शर्मा ने शिवगंगा संगठन की नींव रखी थी, जिसका उद्देश्य है, 'विकास का जतन!' जल और जंगल के संरक्षण के साथ-साथ यह संगठन यहाँ युवाओं को उद्यमिता का कौशल भी सिखा रहा है!
जिला अधिकारी प्रीति नायक ने एक ओर, सेंट्रल जेल के कैदियों और महिला स्वयं- सहायता समूह से मास्क बनवाएं हैं। वहीं दूसरी ओर, उन्होंने एक स्थानीय डिस्टिलरी से CSR के तहत मुफ्त में सैनीटाइज़र बनवाया है!
“हमें लगा हमारी पीढ़ी के जाने के बाद कोई जानेगा ही नहीं इन खिलौनों के बारे में। हम चाहे जितना भी कम कमा रहे हैं, यह कला है हमारी, ऐसे कैसे ख़त्म होने दें।"
आपको सिर्फ इस्तेमाल न की जाने वाली चीज़ों का फोटो अपलोड करना है, इसके बाद आकांक्षा की दानपत्र टीम 7 से 21 दिनों के भीतर आपके घर आकर सामान ले लेगी और एक तय दिन में ज़रूरतमंदों में बाँट देगी।