लॉकडाउन के कारण, भोजन और पैसे की कमी झेल रहे लाखों प्रवासी श्रमिक अपने परिवार से दूर कहीं और फंसे हुए हैं। ऐसे में सूरत का एक एनजीओ एक अलग और अनोखे तरीके से उनकी मदद के लिए सामने आया है। आईए जानते हैं कैसे।
कश्मीर से लेकर केरल तक भारत के प्रत्येक राज्य में मेडिकल केयर और पशुओं के लिए आहार खरीदने जैसी आपात स्थितयों के लिए ई-पास कैसे प्राप्त करें, इसकी विस्तृत जानकारी हम आपको आगे इस लेख में बता रहे हैं।
नवादा के 8 मजदूर सूरत, गुजरात में फंसे हुए थे और 3 तीन दिन से भूखे थे। उन्होंने यह सोच कर गाली दी कि इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया जायेगा और वहां दो वक़्त का भोजन तो मिलेगा।
कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन 4 मई तक बढ़ाए जाने के साथ, देश भर के किसानों और ग्राहकों, दोनों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। ऐसे में सीधा खेतों से घरों तक सब्जियां पहुंचाने का मॉडल एक बेहतर समाधान हो सकता है।