दिल्ली में रहने वाली हिरण्यमयी शिवानी और उनकी बहू मंजरी सिंह ने लॉकडाउन के दौरान अपने क्लाउड किचन की शुरुआत की। 'द छौंक' के बिहारी व्यंजनों का स्वाद आज पूरे शहर में मशहूर है और यह बिज़नेस हर महीने लगभग 4 लाख रुपये कमा रहा है।
मिस गोरखपुर रह चुकीं सिमरन गुप्ता की मॉडल से चायवाली बनने की कहानी संघर्ष भरी है। मॉडलिंग के सपने को पंख मिला, तो उन्होंने मिस गोरखपुर का ख़िताब जीता, लेकिन फिर समय पलट गया! पढ़िए ‘माॅडल चायवाली’ की प्रेरणादायक कहानी!
श्रीनगर में रहनेवाली 25 वर्षीया इंजीनियर, महक परवेज़ ने पिछले साल लॉकडाउन के दौरान, घर पर ही तरह-तरह की डिज़ाइनर मोमबत्तियां बनाना शुरू किया था। अब अपनी बनाई मोमबत्ती को वह ‘shamaaque_by_mehak’ के जरिए ग्राहकों तक पहुंचा रही हैं।
आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम में रहने वाली, अनुराधा पेरला ने अपने घर पर तो 1000 से ज्यादा पेड़-पौधे लगाए ही हैं, साथ ही, उन्होंने एक अस्पताल में भी सब्ज़ियां उगाई हैं, जिनसे मरीजों के साथ आये परिजनों के लिए भी खाना बनाया जाता है।
अगर आप, पुणे में कोरोना से संक्रमित मरीज के लिए प्लाज्मा की तलाश में हैं तो, इस लेख में दिए गए प्लाज्मा ब्लड बैंक तथा प्लाज्मा डोनर प्लेटफार्म के फ़ोन नम्बर, आपके लिए मददगार साबित हो सकते हैं।
अहमदनगर, महाराष्ट्र के 11 किसानों ने लॉकडाउन के दौरान, ‘KisanKonnect’ नामक कंपनी बनाई, जिसका उद्देश्य मुंबई, पुणे के ग्राहकों को बिना किसी बिचौलिये के सब्जियां बेचना और अधिक मुनाफा कमाना है।
27 वर्षीया महिमा भालोटिया ने बुजुर्गों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने के लिए ‘द सोशल पाठशाला’ की शुरूआत की है, जिसके जरिए वह 50 से ज्यादा उम्र के लोगों को स्मार्ट फोन चलाना, इंटरनेट इस्तेमाल करना, मोबाइल एप्लीकेशन इस्तेमाल करना और नेटबैंकिंग जैसी चीजें सिखा रही हैं।