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मसाले के डिब्बे में मिलेंगे बीज, इस तरह उगाएं पौष्टिक माइक्रोग्रीन्स!

ये सुपरफ़ूड आपकी रसोई में मौजूद चीज़ों के साथ आपकी ही रसोईघर में आसानी से उगाये जा सकते हैं। 

स लॉकडाउन का एक बेहतर पहलू यह है कि इसने हमें उपहार में ‘समय’ दिया है। तो इस समय में क्यों ना माइक्रोग्रीन्स को एक मौका दिया जाए और 10 दिनों में इसे उगाया जाए।

रिसर्च से पता चलता है कि माइक्रोग्रीन में विटामिन सी, विटामिन के, और एंटीऑक्सिडेंट जैसे पोषक तत्व होते हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि यह आपकी रसोई में मौजूद चीज़ों के साथ आपके ही रसोई घर में जल्दी और आसानी से उगाया जा सकता है। बीजपत्र पत्तियों के अंकुरण के बाद यानी पहले या दूसरे पत्ते के बाद, इन पत्तेदार ग्रीन्स को उगाया जा सकता है।

इस विषय पर द बेटर इंडिया (TBI) ने मणिकंदन पट्टाभिरामन से बात की। मणिकंदन बेंगलुरु के बागवानी विशेषज्ञ हैं, जिन्हें ‘गीक गार्डनर‘ के नाम से जाना जाता है और वह गार्डन गुरु और हैडरफर्म्स के संस्थापक हैं।

आईये, जानते हैं कैसे उगा सकते हैं आप

स्टेप 1: बीज चुनना

How to grow Microgreens

रसोई घर की मसालेदानी से सरसों, मेथी, धनिया, सौंफ, और तुलसी के बीज आसानी से मिल सकते हैं। इनसे बहुत ही सरलता से साथ माइक्रोग्रीन्स उगाया जा सकता है। आप सूखे मटर, मूंग और सूरजमुखी के बीज का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। बहुत अच्छा होगा यदि आपके पास ब्रोकोली, मूली, पालक, चुकंदर और काएल के बीज हैं।

स्टेप 2: कंटेनर चुनना

आदर्श रूप से, माइक्रोग्रेन्स फ्लैट ट्रे में उगाए जाते हैं जो दो इंच तक मिट्टी पकड़ सकते हैं। लेकिन, यदि आपके पास इस तरह की ट्रे नहीं है, तो आप इस्तेमाल न की जाने वाली चीज़ को रीसायकल कर, उसका इस्तेमाल कर सकते हैं।

पहले खरीदे गए जूते का बॉक्स या डलिया का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका अलावा, एक तरफ से काट कर आप टेट्रा पैक डिब्बों का उपयोग कर सकते हैं। एक बात का ध्यान रखें कि कंटेनर में कुछ जल निकासी छेद होना आवश्यक है ताकि अतिरिक्त पानी बाहर निकल सके, जिससे सड़ने जैसी स्थिति न बने।

स्टेप 3: कैसे उगाएं

माइक्रोग्रीन्स उगाने का सबसे अच्छा माध्यम आपके आवास परिसर के भीतर उपलब्ध कोको पीट और उपजाऊ मिट्टी का सही मिश्रण है। अगर आपके पास मिट्टी नहीं है, तो आप कुछ टिशू पेपर ले सकते हैं। टिशू पेपर को एक के ऊपर एक रखें और सुनिश्चित करें कि वे अंकुरित होने के लिए पर्याप्त रूप से नम हैं।

स्टेप 4: सब कुछ व्यवस्थित करें

कंटेनर में मिट्टी को लगभग डेढ़ से दो इंच मोटा फैलाएं। बीज को मिट्टी या नम टिशू पेपर पर फैलाएं। ट्रे या कंटेनर को अख़बार से कवर करें (या अगर डलिया इस्तेमाल कर रहे हैं तो बस ढक्कन को बंद करें)। और इसे ऐसी जगह पर रखें जहाँ सीधी धूप न हो। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि बीज अंकुरित हो जाएं और नमी भी न खोए। कंटेनर को दिन में दो बार पानी से स्प्रे करें।

स्टेप 5: और फिर आती है धूप!

How to grow Microgreens

तीसरे या चौथे दिन, एक बार जब पत्तियां दिखाई देने लगती हैं, तो आप उन्हें सूर्य की रोशनी में ला सकते हैं। लेकिन, इसके लिए अप्रत्यक्ष सूर्य का प्रकाश होना चाहिए ताकि छोटे पत्ते जलें या सूखें नहीं। रसोईघर की खिड़की इसके लिए सही जगह हो सकती है। माइक्रोग्रीन्स पर पानी का छिड़काव करते रहें।

नौवें या दसवें दिन, आप माइक्रोग्रीन्स की कटाई कर सकते हैं। माइक्रोग्रीन्स की कटाई के लिए बहुत लंबा इंतजार नहीं करना चाहिए क्योंकि इसमें देरी से उनका स्वाद बदल सकता है और उन्हें कड़वा बना सकता है।

इन बातों का रखें ध्यान:

1. किसी भी तरह के केमिकल से अनुपचारित बीजों का उपयोग सुनिश्चित करें।

2. अच्छी गुणवत्ता वाली मिट्टी का उपयोग करें, जो किसी भी तरह के केमिकल से मुक्त हो ताकि यह सुनिश्चित किया जाए कि माइक्रोग्रीन ठीक तरह से उगे।

3. अपने माइक्रोग्रीन में ज़रूरत से ज़्यादा पानी न डालें और सुनिश्चित करें कि आपके कंटेनर में जल निकासी छेद हैं।

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“माइक्रोग्रीन में पोषक तत्व होते हैं जो एक कॉम्पैक्ट रूप में उपलब्ध होते हैं। कोई भी आपके रसोई घर की अलमारियों में आसानी से उपलब्ध वस्तुओं के साथ घर पर माइक्रोग्रीन्स उगा सकता है। सबसे अच्छी बात यह है कि आप परिणाम जल्द ही अपनी आंखों के सामने देखते हैं। यदि कोई व्यवसाय के रूप में इसे व्यावसायिक रूप से आगे बढ़ाने के लिए तैयार है, तो मैं कहूंगा कि यह एक बहुत अच्छा विचार है।”- मणिकंदन पट्टाभिरामन

मूल लेख: अंगारिका गोगोई


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