बिहार के बेगूसराय की रहनेवाली सिन्नी सोश्या, पटना में एक आर्ट स्टूडियो चलाती हैं और इसके जरिए 15 और लोगों को रोजगार भी दिया है। कभी डॉक्टर बनने का सपना देखनेवाली सिन्नी ने अपने हुनर को ही अपनी पहचान बना ली है।
31 वर्षीय बकुल खेतकडे एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं, उन्होंने अपनी IT नौकरी से ब्रेक लिया और शौक के लिए Mandala Art बनाना सीखा। आज उनकी वही कला, उनका काम बन चुकी है, जिसे वह बड़ी ख़ुशी से कर रही हैं।
महिलाओं द्वारा बनाया गया सामान 'सम्भली' के जोधपुर स्थित शोरूम में विदेशी पर्यटकों एवं अन्य लोगों को बेचा जाता है और इसके बदले महिलाओं को उचित वेतन दिया जाता है।
गाँव में ब्लॉक प्रिंट का काम करने वाले लोग ख़त्म हो चुके थे और युवा इसे करना नहीं चाहते थे। लेकिन मुहम्मद युसूफ अपने अब्बा से मिली विरासत को इस तरह खोना नहीं चाहते थे। उन्होंने ठान लिया था कि कुछ भी हो जाए वह इस कला को मरने नहीं देंगे।