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ICU में भी ड्राइंग करती थीं मानसी, अपने हुनर से हराया हर मुश्किल को

By प्रीति टौंक

अहमदाबाद की मानसी सदिरा ऑनलाइन एक से बढ़कर एक ड्राइंग और स्कैच बनाकर बेचती हैं। उनकी कला देखकर कोई विश्वास नहीं करेगा कि वह सांस लेने के लिए भी एक मशीन पर निर्भर हैं।

बुलेट पर 700 रुपए से शुरु हुआ बर्गर का बिजनेस,आज बन गया है लाखों का कारोबार

By प्रीति टौंक

अगर बिजनेस प्लान और हौसला मजबूत हो तो सिर्फ 700 रुपए के निवेश को भी आप एक सफल बिजनस में बदल सकते हैं, इसका उदाहरण हैं अहमदाबाद के तपन ब्रम्हभट्ट, जिन्होंने अकेले बुलेट पर बर्गर बेचकर अपने बिजनस की शुरुआत की और आज 'टम्मी टिकी बर्गर' के मालिक हैं, जो लाखों का टर्नओवर देने वाली कंपनी है।

सोलर रूफ़, मियावाकी फॉरेस्ट्स और रीसाइकल्ड बेंच; सब है अहमदाबाद के इस अफ़सर का कमाल

भारतीय रेलवे की ट्रेनों में और स्टेशनों पर स्वच्छता की योजना को नए स्तर पर ले जाने वाले फेडरिक पैरियथ ने न केवल अपनी नौकरी की, बल्कि पर्यावरण के प्रति अपनी ज़िम्मेदारियां भी बखूबी निभाईं। उन्हीं के कारण अहमदाबाद रेलवे स्टेशन का कायाकल्प हो सका और आज यह कई सस्टेनेबल तरीक़ों से काम करता है।

21 सालों से कर रही हैं सेवा, हर महीने रु. 20,000 खर्च कर, भरती हैं सैकड़ों बेजुबानों का पेट

By प्रीति टौंक

अहमदाबाद की 45 वर्षीया झंखना शाह पिछले 21 सालों से अपने आस-पास के इलाके के सैकड़ों कुत्तों और दूसरे जानवरों के लिए काम कर रही हैं।

MBA चायवाले के बाद, अब मिलिए Engineer चायवाले से, बिना दुकान के कमाते हैं नौकरी से ज्यादा

By प्रीति टौंक

इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद नौकरी न मिलने पर 29 वर्षीय रौनक राजवंशी ने चाय बेचना शुरू किया। मात्र पांच घंटे में कमाते हैं किसी नौकरी से ज्यादा।

जैविक खेती कैसे करें? जानिए अहमदाबाद के Cardiologist और किसान, डॉ. दिनेश पटेल से

By प्रीति टौंक

अहमदाबाद के डॉ. दिनेश पटेल ने बीमारी के इलाज करने से ज्यादा जरूरी समझा, बीमारी को जड़ से मिटाना। इसी सोच के साथ, वह पिछले 30 सालों से प्रकृतिक खेती कर रहे हैं।

मात्र 30 हजार रुपयों से शुरू किया ईको-फ्रेंडली स्किन केयर ब्रांड, हर महीने मिलते हैं 100 से ज्यादा ऑर्डर्स

By प्रीति टौंक

अहमदाबाद की 24 वर्षीय सुरभि भंसाली, हमेशा से कुछ ऐसा करना चाहती थीं, जो लोगों के लिए उपयोगी हो। आज वह नौकरी छोड़, किफायती ईको-फ्रेंडली स्किन केयर प्रोडक्ट्स बना रही हैं।

कलमखुश: 80 साल से कपड़ों की कतरन से बना रहे हैं हैंडमेड पेपर, गाँधी जी का था आईडिया

By प्रीति टौंक

गाँधी जी हमेशा स्वदेशी और ईको-फ्रेंडली वस्तुओं के इस्तेमाल पर जोर देते थे, उन्होंने इसी विचार के साथ, अहमदाबाद गाँधी आश्रम में चरखा से सूत बनाने और हैंडमेड पेपर बनाने जैसे काम की शुरुआत की। आगे चलकर यह हैंडमेड पेपर उद्योग कलमखुश बना और आज तक चल रहा है।

Induben Khakhrawala: घर चलाने के लिए बनाने लगी थीं खाखरा, 60 साल में बन गया मशहूर ब्रांड

By प्रीति टौंक

अहमदाबाद के जाने-माने नमकीन ब्रांड ‘Induben Khakhrawala’ की शुरुआत इंदुबेन जवेरी ने घर से खाखरा बनाने से की थी। जानिए उनके संघर्ष और हिम्मत की कहानी।

CA की नौकरी छोड़, शुरू किया मधुमक्खियों का संरक्षण, शहद के बिज़नेस से कमाई हुई लाखों में

By प्रीति टौंक

अहमदाबाद, गुजरात के CA प्रतीक घोडा ने नौकरी छोड़कर ‘Bee Base Pvt Ltd’ नामक Honey Business शुरू किया। उनकी यह कंपनी शहद बेचने के साथ, मधुमक्खियों के संरक्षण के लिए भी काम कर रही है।