अहमदाबाद, गुजरात में रहने वाले 31 वर्षीय डॉ. दिलीपसिंह सोढ़ा ने, अपनी छत पर पाँच किलोवाट क्षमता वाला सोलर सिस्टम लगवाकर, अपने घर के बिजली बिल को जीरो कर लिया है। इसके साथ ही, वह अपने पिता के साथ मिलकर पौधरोपण, ‘ट्रीगार्ड’ और ‘कार फ्री डे’ जैसी पहलों पर भी काम कर रहे हैं।
ज्यादा लम्बे ट्रैक्टर की ज़रूरत दो-तीन महीने के लिए ही होती है, जिसके बाद किसान हाइट-अटैचमेंट हटाकर फिर से इसे छोटे ट्रैक्टर की तरह इस्तेमाल कर सकता है।
"इस कठिन दौर में हम सभी की सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मी अपने परिवार से दूर रहते हैं, वे लगातार काम कर रहे हैं। तपती गर्मी में वे सड़क पर हैं, यह जानलेवा भी हो सकता है। हमारे शहर में पहले भी ऐसी घटनाएं हुई हैं। लॉकडाउन ने सभी को एकजुट किया है और सब एक-दूसरे की मदद भी कर रहे हैं। एक इंजीनियरिंग छात्र के रूप में, यह मेरा योगदान है।”
अनुया के इस काम कि शुरूआत एक आंगनवाड़ी में टायर से बना झूला देने से हुई थी और आज वह बच्चों के पूरे प्ले स्टेशन पुराने टायर्स और अन्य बेकार की चीजों से बना रही हैं!