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अनमोल इंडियंस

Inspiring Indians Stories To Motivate From India. \ भारत के उन प्रेरक नायक नायिकाओं की कहानियां, जो अपने काम से भारत को बेहतर से बेहतरीन बनाने में जुटे हैं!

25 सालों से पौधे लगा रहे दिहाड़ी मजदूर कन्नन, कई बार काट दिए गए पेड़ फिर भी नहीं मानी हार

By अर्चना दूबे

पौधारोपण के शौकीन कन्नन के पेड़ कई बार काट दिए गए़, लेकिन नहीं मानी हार। Kannan's planted trees were cut many times, but did not gave up.

मरीज़ों को खाना, एम्बुलेंस व ब्लड बैंक सेवा, सब मुफ्त में देता है शिमला का 'वेला बॉबी'

By प्रीति टौंक

डॉक्टर्स ही नहीं, शिमला के सरबजीत सिंह भी हैं मरीज़ों और ज़रूरतमंदों के मसीहा। वह सालों से शवों के लिए वाहन, पेशेंट्स के लिए एम्बुलेंस सुविधा सहित ब्लड कैंप और मुफ्त में खाना खिलाने जैसी सुविधाएं ज़रूरतमंदों तक पंहुचा रहे हैं।

झुग्गी-झोपड़ी के 5 बच्चों को निःशुल्क पढ़ाने से की थी शुरुआत, आज हैं 150 बच्चों के पिता

ज़िंदगी भर अपने पिता को अपनी स्कूल की फ़ीस भरने के लिए कड़ी मेहनत करते देख, 31 साल के उद्देश्य सचान ने अपना ही नहीं, बल्कि कई गरीब बच्चों का भविष्य बनाने की ठानी और उनको फ्री में पढ़ाना शुरू कर दिया। आज कानपुर के गुरुकुलम में 150 से ज़्यादा बच्चे ख़ुशी से, खेल-कूदकर पढ़ाई करते हैं।

मुंबई के इंजीनियर ने बनाया 'इलेक्ट्रिक सेल्फ ड्राइविंग ट्रैक्टर', किसानों के लिए होगा वरदान

मुंबई बेस्ड इंजीनियर कौस्तुभ ढोंडे और उनका इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर स्टार्टअप AutoNxt Automation आर्टिफिशल इंटेलिजेन्स (AI) और 5G तकनीक से चलने वाले ऑटोनोमस ट्रैक्टर पर काम कर रहा है और 2024 तक इसे लांच करने की तैयारी में है।

अनाथालय में पढ़ाई कर पास कीं 21 सरकारी परीक्षाएं और चपरासी से बन गए IPS अधिकारी

By प्रीति टौंक

केरल के मोहम्मद अली शिहाब, चपरासी की नौकरी से लेकर IAS अधिकारी बनने तक के अपने सफ़र के दौरान कई परीक्षाएं देते रहते थे और इस बीच उन्होंने 21 एग्ज़ाम क्लियर किए हैं।

20 साल में बंजर ज़मीन को अकेले ही जंगल में बदला, मिलिए मणिपुर के फॉरेस्ट मैन से

मणिपुर के मोइरंगथेम लोइया के 300 एकड़ के जंगल में पौधों की 100 से ज़्यादा किस्में हैं, बांस की लगभग 25 किस्में हैं, यहां हिरण, साही और सांप की प्रजातियां भी हैं। करीब 20 साल पहले यह ज़मीन बंजर थी।

सेलेब्रल पाल्सी की बीमारी भी नहीं बन सकी रुकावट, ऑटो डाइवर की बेटी अब बनेगी डॉक्टर

By प्रीति टौंक

गोरखपुर की रहने वाली यशी कुमारी के पिता ऑटो ड्राइवर हैं और यशी को बचपन से सेलेब्रल पाल्सी जैसी गंभीर बीमारी थी। लेकिन इन सब मुश्किलों से लड़कर उन्होंने पहले ही प्रयास में नीट के ज़रिए एक प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लिया।

सिर्फ 21 साल की उम्र में UPPSC पास कर अधिकारी बने रचित गोयल, अब कर रहे UPSC की तैयारी

By अर्चना दूबे

अंबाला शहर के जग्गी गार्डन रहनेवाले रचित गोयल ने सिर्फ 21 साल की उम्र में पास कर ली थी UPPSC परीक्षा।

इस कोचिंग क्लास में मनचाही फ़ीस देकर पढ़ सकते हैं बच्चें, शहर से लौटे दो दोस्तों की पहल

तीन साल पहले शहर से पढ़ाई करके सोनभद्र लौटे दो दोस्त आज अपने गाँव में ही एक अनोखा कोचिंग सेंटर चला रहे हैं, जहाँ कोई भी बच्चा मनचाही फ़ीस देकर अच्छी शिक्षा हासिल कर सकता है।

अपनों को खोने के बाद अंतिम संस्कार में न आएं मुश्किलें, इसी का समाधान करते हैं ऋषभ

परिवार के किसी सदस्य के अंतिम संस्कार के लिए, बिना किसी परेशानी और ज़्यादा समय लगाए सारी व्यवस्था करने में लोगों की मदद कर रहा है दिल्ली का स्टार्टअप 'लास्ट जर्नी'।