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अनमोल इंडियंस

Inspiring Indians Stories To Motivate From India. \ भारत के उन प्रेरक नायक नायिकाओं की कहानियां, जो अपने काम से भारत को बेहतर से बेहतरीन बनाने में जुटे हैं!

22 साल की उम्र में क्रैक की UPSC परीक्षा, बनीं बैच की सबसे कम उम्र की IAS अधिकारी

By अर्चना दूबे

राजस्थान की रहनेवाली स्वाति मीणा ने न सिर्फ बिना किसी कोचिंग के UPSC परीक्षा पास की, बल्कि 260वीं रैंक भी हासिल की। वह अपने बैच की सबसे कम उम्र की IAS अफ़सर थीं।

एक युवक ने की पहल और सड़क पर रहनेवाले 300 बच्चों की बदली ज़िंदगी

By प्रीति टौंक

गोरखपुर के रत्नेश तिवारी आज खुद की एक कंपनी चलाने के साथ-साथ, ज़रूरतमंद बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए भी काम कर रहे हैं। वह अब तक 300 से ज़्यादा बच्चों को स्कूल तक पहुंचा चुके हैं।

पद्म श्री हिरबाई लॉबी: खुद पढ़ न सकीं, लेकिन सिद्दी समुदाय के 700 लोगों को किया शिक्षित

By अर्चना दूबे

गुजरात के एक छोटे से गांव जम्बूर की रहनेवाली हिरबाई लोबी खुद भले ही पढ़ी-लिखी नहीं हैं, लेकिन उन्होंने न सिर्फ सैकड़ों लोगों को शिक्षित किया है, बल्कि उन्हें रोज़गार और स्वास्थ्य जैसी सुविधाएं भी मुहैया करा रही हैं।

सांप पकड़ने वाले 2 दोस्तों को मिला पद्म श्री सम्मान, तमिलनाडु के इरुला समुदाय का बढ़ा मान

By प्रीति टौंक

तमिल नाडु के दो स्नेक कैचर्स वडिवेल गोपाल और मासी सदाइयां को उनके सामाजिक कार्यों के लिए पद्म श्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।

पिता ने घूम-घूमकर कपड़े बेच पढ़ाया, बेटे ने बिना कोचिंग पास की UPSC परीक्षा

By अर्चना दूबे

पिता का संघर्ष, आर्थिक तंगी और मन में कुछ कर गुज़रने की चाह ने बिहार के किशनगंज के रहने वाले अनिल बसाक को ऑफिसर बनने के लिए प्रेरित किया और उन्होंने UPSC परीक्षा पास कर IAS अफसर बनने का सपना पूरा किया।

बलूनवाला: लोगों की खुशियां सजाने के साथ दिया 250 भटकते युवाओं को रोज़गार 

By प्रीति टौंक

अहमदाबाद के मिलन बोचीवाल, पिछले सात सालों से बलूनवाला नाम से एक अनोखे बिज़नेस मॉडल पर काम कर रहे हैं, जिसके ज़रिए वह कई ज़रूरतमंद युवाओं को रोज़गार देने के साथ, शहर की पार्टियों में रंग भर रहे हैं।

10 सालों से गरीबों का मुफ़्त इलाज कर रहे हैं डॉ. फारूक

By प्रीति टौंक

सुंदरबन, बंगाल के रहनेवाले डॉ. फारूक हूसैन ने गरीब लोगों का इलाज करने के लिए अपनी सरकारी नौकरी तक छोड़ दी और आज लोग उन्हें प्यार से 'बिना पैसे का डॉक्टर' कहकर बुलाते हैं।

22 बेसहारा बुजुर्गों की आशा है यह 30 वर्षीया महिला, सेवा के लिए छोड़ा अपना खुद का परिवार

By प्रीति टौंक

पिता को दिए एक वचन के लिए डीसा (गुजरात) की 30 साल की आशाबेन राजपुरोहित ने अपनी गृहस्थी छोड़ दी और अब वह एक बेटी की तरह 22 बुजुर्गों की सेवा करती हैं।

पद्म श्री से सम्मानित होंगे भानुभाई चितारा, 400 साल पुरानी कला को आज भी रखा है जीवित

By प्रीति टौंक

साल 2023 में पद्म श्री अवॉर्ड से सम्मानित होने वाले एक कलाकर हैं, भानुभाई चितारा। 80 साल के भानुभाई और उनका पूरा परिवार 400 साल पुरानी 'माता नी पचेड़ी' कला को आज भी जीवित रखने के लिए जाने जाते हैं।

27 वर्षीया लहरी बनीं मिसाल! आदिवासी जनजाति की इस महिला ने बनाया 150 दुर्लभ बीजों का बैंक

By प्रीति टौंक

मध्य प्रदेश की बैगा आदिवासी महिला लहरी बाई को ‘अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष' के लिए ब्रांड एंबेसडर घोषित किया गया। उनके बीज बैंक में 150 से ज्यादा दुर्लभ बीजों की किस्में मौजूद हैं।