एक किसान के बेटे, कौस्तुभ ढोंडे ने भारत का पहला ऑटोमैटिक इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर बनाया है। बचपन से ही कौस्तुभ ने खेती को करीब से देखा है, उनके दादाजी एक किसान थे। यही वजह थी कि वह किसानी में आने वाली समस्याओं को जानते थे और उनको मालूम था कि यह काम बिलकुल भी आसान नहीं है।
उनके जानने वाले और आस-पास के किसान जब अपने ट्रैक्टर बेचने लगे, तब कौस्तुभ ने इसके पीछे की वजह जाननी चाही। उनको पता चला कि एक ट्रैक्टर को ख़रीदने से ज़्यादा उसकी देख-रेख, किसानों को बहुत ज़्यादा महंगी पड़ रही थी। ट्रैक्टर चलाने के लिए ड्राइवर ढूंढ़ना भी आसान नहीं था और खुद यह काम करने से किसानों को सेहत से जुड़ी दिक्क़तें होने लगी थीं।
क्यों हैं ऑटोमैटिक ट्रैक्टर की ज़रूरत?
कौस्तुभ ढोंडे बताते हैं, “खेतों में घंटों ट्रैक्टर चलाने से किसानों की रीढ़ की हड्डी पर बहुत बुरा असर पड़ता है। वह 5-6 सालों से ज़्यादा ट्रैक्टर नहीं चला सकते। इस वजह से आज के युवा भी यह काम नहीं करना चाहते।”
इसी समस्या को ख़त्म करने के लिए 27 साल के इस इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर ने ऑटोमैटिक इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर बनाने का फ़ैसला किया और 2016 में ‘ऑटोनेक्स्ट ऑटोमेशन’ नाम से अपने स्टार्टअप की शुरुआत की। यहाँ उन्होंने AI के ज़रिए एक ऐसा ट्रैक्टर बनाया जो इलेक्ट्रिक है और इसे किसी ड्राइवर की भी ज़रूरत नहीं। यानी न हाई मेंटेनन्स, न पेट्रोल या डीज़ल का खर्चा और न ही सेहत से जुड़ी कोई समास्या।
बिना ड्राइवर के खेतों में काम करेगा यह ट्रैक्टर, बढ़ेगा मुनाफ़ा
सिर्फ़ एक फ़ोन ऐप के ज़रिए किसान इस ट्रैक्टर को ऑपरेट कर सकते हैं। यह जुताई, कटाई, ढुलाई, स्प्रेइंग जैसे खेती के कई काम कर सकता है। इस इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर के इस्तेमाल से किसान अपनी लागत में 4 गुना कमी ला सकते हैं, जिससे उनका मुनाफ़ा बढ़ेगा।
आज कौस्तुभ और उनकी टीम इस ट्रैक्टर को बाज़ार में लाने के लिए तैयार हैं। अगर आपको इस ट्रैक्टर के बारे में और जानकारी चाहिए, तो आप www.autonxt.in पर विज़िट कर सकते हैं।
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