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अनमोल इंडियंस

Inspiring Indians Stories To Motivate From India. \ भारत के उन प्रेरक नायक नायिकाओं की कहानियां, जो अपने काम से भारत को बेहतर से बेहतरीन बनाने में जुटे हैं!

Mariyappan Thangavelu: 5 साल की उम्र में कुचला गया घुटना, देश के लिए जीते कई पदक

By अर्चना दूबे

मरियप्पन थंगावेलु, वह पैराएथलीट जिन्होंने साल 2016 पैरालंपिक खेलों के दूसरे ही दिन 12 सालों में भारत का पहला स्वर्ण पदक जीता।

गरीबों का मुफ्त इलाज करते हैं यह डॉक्टर, कई बार खुद की जेब से देते हैं दवा के पैसे भी

By निशा डागर

रांची, झारखंड के 52 वर्षीय डॉ. अनिल कुमार पिछले कई सालों से गरीब और जरूरतमंदों का इलाज मुफ्त में कर रहे हैं।

कहानी उस पैराएथलीट की, जिसे जब लगे 183 टांके, तब पति लड़ रहा था कारगिल की जंग

By अर्चना दूबे

टोक्यो ओलंपिक में भारतीय टीम के शानदार प्रदर्शन के बाद, अब पैरालंपिक के लिए भारतीय खिलाड़ियों ने कमर कस कल ली है। देश में कई ऐसे खिलाड़ी हुए हैं, जिन्होंने पैरालंपिक खेलों में अपनी अलग ही छाप छोड़ी। ऐसी ही एक खिलाड़ी हैं दीपा मलिक।

गायों की तो सब सेवा करते हैं, पर ये युवक 2000 बैलों तक रोज़ पहुंचाते हैं खाना

By प्रीति टौंक

गाज़ियाबाद के यूथ नेटवर्क के युवाओ की पहल से आज, 10 हजार घरों से रोटियां और फल-सब्जियों के छिलके आदि कचरे में नहीं, बल्कि तीन चारा कार के माध्यम से सीधे नंदीगृह में जा रहे हैं।

हर दिन 25 किलो आटे की रोटियां बनाकर, भरते हैं 300 से ज़्यादा बेसहारा कुत्तों का पेट

By प्रीति टौंक

कच्छ के जशराज चारण, पिछले 25 सालों से सड़क पर फिरते कुत्तों और दूसरे जानवरों का पेट भरते आ रहे हैं। उनके घर पर हर रोज़ तक़रीबन 25 किलो आटे का इस्तेमाल करके, इन जानवरों के लिए खाना तैयार किया जाता है। उनका पूरा परिवार इस काम में उनका साथ देता है।

कौन हैं, नेताजी की हर कदम पर मदद करने वाली महिला सेनानी, जिनके लिए रेलवे ने तोड़ी परंपरा

जब बात किसी जाने माने व्यक्ति के नाम पर किसी सड़क, पार्क या स्टेशन का नाम रखने की हो, तो यह सम्मान ज्यादातर पुरुषों को ही मिलता है। महिलाओं का नाम कहीं दूर-दूर तक नजर नहीं आता। लेकिन भारतीय रेलवे ने 1958 में, स्वतंत्रता सेनानी बेला बोस को सम्मान देकर इस परंपरा को तोड़ दिया।

रोज़ छड़ी के सहारे पैदल चलकर गाँव पहुँचते हैं, ताकि पढ़ा सकें 60 ज़रूरतमंद बच्चों को

By प्रीति टौंक

कोरोना के दौरान जब गांव के बच्चों को शिक्षा नहीं मिल पा रही थी, तब 18 वर्षीय उपेंद्र यादव ने उनको पढ़ाने का बीड़ा उठाया। दिव्यांग होते हुए भी, वह हर रोज लकड़ी के सहारे दो किमी पैदल चलकर 60 बच्चों को पढ़ाने जाते हैं।

क्या देश ने भुला दिया जैवलिन थ्रो में दो गोल्ड मेडल जीतने वाले देवेंद्र झाझड़िया को?

By अर्चना दूबे

भारत में एक ऐसा खिलाड़ी भी है, जिसका रिकॉर्ड अब तक नहीं तोड़ा जा सका है। वह खिलाड़ी हैं, जैवलिन (भाला) थ्रोअर देवेंद्र झाझड़िया।

चाय के स्टॉल को बनाया RTI बूथ, ग्रामीणों के लिए फाइल किये 5000 से ज्यादा RTI

By निशा डागर

कानपुर के कृष्ण मुरारी यादव को लोग केएम भाई के नाम से जानते हैं, जो अलग-अलग चाय के स्टॉल पर RTI बूथ लगाकर लोगों को RTI के बारे में जागरूक करते हुए ट्रेनिंग दे रहे हैं।

अदिति अशोक: 5 साल की उम्र में न करती गोल्फर बनने की ज़िद, तो देश के लिए न ला पातीं मेडल

By अर्चना दूबे

साल 2016 में हुए रियो ओलंपिक में, भारत की स्टार महिला गोल्फर अदिति अशोक सबसे कम उम्र की खिलाड़ी थीं। आज, टोक्यो ओलंपिक में, गोल्फ खिलाड़ी के तौर पर भारत का प्रतिनिधित्व कर रहीं, 22 वर्षीया यह खिलाड़ी दूसरे स्थान पर हैं। अब देश को उनसे काफी उम्मीदें हैं।