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गाँवों से 40 टन कचरे का प्रबंधन करके 2, 000 यूनिट/दिन बिजली बना रहे हैं ये तीन भाई!

By निशा डागर

अमृत फ़र्टिलाइज़र से फ़िलहाल लगभग 1000 किसान जुड़े हुए हैं, जिनकी आमदनी में पहले से 60% तक की बढ़ोतरी हुई है!

इस दिवाली खरीदिये ये ख़ास पटाखे, जिनसे धुंआ नहीं सिर्फ़ मिठास घुलेगी!

By निशा डागर

जितना आप पटाखों पर खर्च करते हैं, उतने पैसे में आप किसी ज़रूरतमंद को कपड़े, मिठाइयाँ आदि खरीदकर दे सकते हैं। इससे पर्यावरण के साथ-साथ समाज का भी भला होगा।

अहमदाबाद की सड़कों पर ऑटो, लोडिंग गाड़ी, कैब और स्कूल बस दौड़ा रही हैं ये महिलाएँ!

By निशा डागर

अहमदाबाद में अब तक लगभग 130 महिलाओं को ड्राइविंग सिखाई जा चुकी है और इस बार के बैच में 100 महिलाएं एनरोल हुई हैं। इनमें से 50 से ज़्यादा महिलाएं प्रोफेशनली काम भी कर रही हैं।

पिछले 14 साल से उदयपुर की झीलों को साफ कर रहे हैं 73 वर्षीय हाजी सरदार मोहम्मद!

By भरत

लोग जब तक झीलों में कचरा डालते रहेंगे, हम साफ़ करते रहेंगे। मैं लोगों से कहता हूँ कि यह श्रमदान आप करवा रहे हैं, अगर आप झीलों को गन्दा नहीं करेंगे तो हमें इसकी ज़रुरत नहीं पड़ेगी। - हाजी सरदार मोहम्मद।

लग्‍ज़री होटल को गुडबाय बोलें, चुनें विलेज टूरिज्‍़म का सुकून!

By अलका कौशिक

अपने देश-दुनिया के असल सौंदर्य को देखने-समझने, उसकी समृद्ध संस्कृति, परंपराओं और सीधी-सरल जीवनचर्या से मिलने के लिए गाँव-देहात आज भी सबसे आदर्श मंजिल हैं। और शहर से गांव तक के इस सफर में क्या पता कब-कहाँ आपका अपना अतीत मिल जाए! कौन जाने, किस मोड़ पर कोई ठहरा-सा पल दिख जाए।

एससीपीओ अपर्णा ने जीता सब का दिल; अपने लम्बे घने बालों को कैंसर पेशंट्स के लिए किया डोनेट!

By मानबी कटोच

अक्सर ऐसे लोगों का मज़ाक उड़ाया जाता है या उन्हें कम खूबसूरत होने का ताना दिया जाता है। अपर्णा इस नज़रिए को पूरी तरह बदलना चाहती थीं।

'गीली मिट्टी' के ज़रिए भूकंप और फ्लड-प्रूफ घर बना रही है यह युवती!

By निशा डागर

'पक्के घर' का कांसेप्ट हमारे यहां सिर्फ ईंट और सीमेंट से बने घरों तक ही सीमित है जबकि पक्के घर का अभिप्राय ऐसे घर से होना चाहिए, जो कि पर्यावरण के अनुकूल हो और जिसमें प्राकृतिक आपदाओं को झेलने की ताकत हो जैसे कि बाढ़, भूकंप आदि। नेपाल में आये भूकंप के दौरान सिर्फ़ इस तकनीक से बने घर ही थे जो गिरे नहीं!

धारावी में बन रहे हैं बचे-कुचे कपड़ों से ये ख़ूबसूरत और किफायती बैग्स!

By निशा डागर

एक सजग ग्राहक के तौर पर यह हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम वो प्रोडक्ट्स खरीदें, जो हमारे समाज और पर्यावरण के लिए कल्याणकारी हो!

2 बीघा खेत पर शुरू की थी जीरे की खेती, आज 60 करोड़ का है टर्न ओवर!

योगेश के घर वाले चाहते थे कि वे सरकारी नौकरी की तैयारी करे लेकिन योगेश ने खेती को चुना और 7 किसानों के साथ मिलकर जीरे की आर्गेनिक खेती शुरू की। आज उनका यह सफर 3000 किसानों के साथ जापान और अमेरिका तक पहुँच चुका है!

तेज़ बुखार में दी UPSC की परीक्षा और पहली ही बार में हासिल की 9वीं रैंक!

By निशा डागर

"ब्रेक टाइम में मुझे कार में ही आईवी ड्रिप दी गयी," यह कहना है सौम्या शर्मा का। सुनने की क्षमता न होते हुए भी उन्होंने परीक्षा में किसी तरह का आरक्षण नहीं लिया!