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इको-फ्रेंडली

नौकरी और शहर छोड़कर सीखा मिट्टी का घर बनाना, अब दूसरों को भी देते हैं ट्रेनिंग

By प्रीति टौंक

मुंबई-पुणे के बीच उद्धर गांव में तुषार केलकर, पिछले सात सालों से शहरी जीवन को छोड़कर मिट्टी के घर में रह रहे हैं। पेशे से आर्किटेक्ट तुषार, यहां देश-विदेश से आए लोगों को भी मिट्टी के घर बनाना सिखा रहे हैं।

पुणे के अभिषेक ने सेंकेड हैंड EV खरीदकर पैसे बचाए या हुआ नुकसान, जानें कैसा रहा उनका अनुभव

By पूजा दास

क्या आप इलेक्ट्रिक गाड़ी खरीदने की सोच रहे हैं? पुणे के रहनेवाले अभिषेक माने ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि उन्होंने सेकेंड हैंड ईवी में निवेश करने का फैसला क्यों किया और कैसे उनकी रनिंग कॉस्ट कम हुई है।

एक बैग में दुनिया बसा बिताए 12 साल, इनसे सीखिए सादा और खुशहाल जीवन जीने के गुर

By प्रीति टौंक

41 वर्षीया दीपा पिछले 12 सालों से एक खानाबदोश ज़िन्दगी जी रही हैं। चलिए जानें उनके जीवन जीने के इस अनोखे तरीके के बारे में।

शहर छोड़ रहने लगे गांव में, बेटी को पढ़ाने सादगी का पाठ

By प्रीति टौंक

तमिलनाडु, होसुर के पास Denkanikotta में बने आर्किटेक्ट राजीव कुमारवेल का घर गर्मियों में भी ठंडा रहता है। सीमेंट का कम से कम उपयोग करके बने इस घर में उनका परिवार साल भर बारिश का पानी पीता है और घर में उगी सब्जियां ही खाता है।

दुनिया का पहला बायोडिग्रेडबल प्लास्टिक, जिसे किया जा सकता है रीसाइकल

By पूजा दास

यूके के एक टेक स्टार्टअप, पॉलीमटेरिया ने प्लास्टिक के गुणों को बदलने का एक तरीका खोजा है। इस तकनीक के जरिए अब बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक बनाया जा सकता और इसे रीसाइकल भी किया जा सकता है।

इंजीनियर बनीं 'रीसाइक्लिंग हीरो', मंदिर में चढ़े सूखे फूलों से शुरू किया बेहतरीन बिज़नेस

By प्रीति टौंक

सूरत की 22 वर्षीया मैत्री जरीवाला का स्टार्टअप Begin With Flower, बेकार और मुरझाए फूलों को अपसाइकिल करके 10 से ज्यादा प्रोडक्ट्स बनाता है।

यहां से खरीदें ऑनलाइन कम्पोस्ट बिन और घर पर ही आसानी से बनाएं खाद

By प्रीति टौंक

आप घर पर कम्पोस्ट बनाने की तैयारी कर रहे हैं, तो इन 10 कम्पोस्टिंग किट में से आप अपनी पसंद का बिन खरीदकर, अपना काम आसान बना सकते हैं।

कारीगरों ने छोड़ा काम फिर कैसे तैयार हुआ मिट्टी का यह होम स्टे, जहां आते हैं कई सेलिब्रिटी

By प्रीति टौंक

बेंगलुरु के राजीव बालाकृष्णन, आज से 10 साल पहले अपने एक दोस्त को कलरीपयट्टु स्कूल बनाने के लिए ज़मीन दिलाने गए थे, उसी समय उन्होंने खुद के लिए भी एक जमीन खरीदी। आज यह खूबसूरत औरा कलरी ईको फ्रेंडली होमस्टे आकर्षण का केंद्र बन गया है।