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इको-फ्रेंडली

न कोई बड़ी डिग्री न ज्यादा साधन, फिर भी स्कूल से मिली साइकिल को बदल दिया ई-बाइक में

By प्रीति टौंक

सरायकेला, झारखंड के बासुरदा गांव में रहनेवाले कामदेव पान ने अपनी ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई गांव से ही की है। मशीनों से उन्हें बेहद लगाव है, उन्होंने खुद की सूझ-बूझ से एक साइकिल को ई-स्कूटर में बदला है और राज्य भर में इतने मशहूर हो गए कि उन्हें आज मुंबई की बड़ी कंपनी में नौकरी तक मिल गई।

मिट्टी के प्लास्टर ने बढ़ाई घर की ठंडक, 70% कम आता है बिजली का बिल

By प्रीति टौंक

केरल के पारम्परिक घर के साथ पर्यावरण का ध्यान रखते हुए कोड़िकोड के रिटायर्ड पुलिस अधिकारी सुब्रमनिया ने अपने लिए एक खूबसूरत घर बनाया है, जो देखने में भले आलिशान हो, लेकिन अनुभव मिट्टी के घर में रहने का देता है।

Solar AC: एक बार लगाएं, 25 सालों तक बिजली के लंबे बिल से मुक्ति पाएं

By प्रीति टौंक

अगर आप भी गर्मियों में एसी के महंगे बिल से परेशान रहते हैं, तो Solar AC आपके लिए एक अच्छा विकल्प बन सकता है। उतर प्रदेश में सोलर एसी बनानेवाली कंपनी Exalta India के मुताबिक ये एसी पर्यावरण को नुकसान पहुचाएं बिना आपके बिजली के बिल को 80 प्रतिशत तक कम कर सकते हैं।

चाय के पैकेट को मिट्टी में डालने से उगेगा पौधा! असम के एक बिज़नेसमैन की ईको-फ्रेंडली पहल

By प्रीति टौंक

असम में ऐरोमिका टी नाम से चाय (assam tea) का स्टार्टअप चलानेवाले रंजीत बरूआ, चाय के कई एग्ज़ॉटिक फ्लेवर्स बेचते हैं। साथ ही उन्होंने चाय के पैकट में भी कई तरह के प्रयोग किए हैं। पहले उन्होंने ब्रेल लिपि वाले चाय पैक को लॉन्च किया था और हाल ही में उन्होंने ईको-फ्रेंडली पैक भी लॉन्च किया है, जिससे इस्तेमाल के बाद पौधा उगाया जा सकता है।

मिट्टी से बनाया कूलर! न बिजली का मोटा बिल, न पर्यावरण को नुकसान

By प्रीति टौंक

दिल्ली के आर्किटेक्ट मोनिश सिरिपिरायु का बना कूलएंट सिस्टम बिना ज्यादा बिजली और पर्यावरण को नुकसान पहुचाएं तापमान को ठंडा करने का काम करता है।

केले के पत्ते सदियों से भारतीय भोजन का हिस्सा क्यों रहे हैं? जानें क्या कहता है विज्ञान

By अर्चना दूबे

भारतीय, केले के पत्तों में खाना क्यों पकाते हैं? वैज्ञानिक शोध से इसके कई स्वास्थ्य लाभों के बारे में कुछ रोचक तथ्य सामने आए हैं।

पढ़ाई के बाद नौकरी नहीं, खेती से जुड़े और मिट्टी के घर बनाकर शुरू किया एग्रो टूरिज्म

By प्रीति टौंक

राजस्थान के दो दोस्त इंद्र राज जाठ और सीमा सैनी ने खेती को सस्टेनेबल बनाने के लिए बेहतरीन मॉडल तैयार किया है, जिसमें वे पशुपालन और एग्रो टूरिज्म के जरिए लाखों की कमाई कर रहे हैं।

11वीं की छात्रा ने पौधों को सींचने के लिए बनाई Solar Cycle, बिना पंप के कर सकते हैं सिंचाई

By अर्चना दूबे

बेंगलुरु की रहनेवाली 11वीं की छात्रा रचना बोडागु का सपना, इको फ्रेंडली तरीके से पानी पंप करने में किसानों की मदद करना था और इसे साकार करने के लिए, रचना ने एक सोलर साइकल बनाई है, जिससे किसान आसानी से वॉटर पम्प कर सकते हैं।

मिट्टी की बोतल से लेकर प्रेशर कूकर तक, इन बर्तनों को अपनाएं और जीएं एक स्वस्थ जीवन

By पूजा दास

मिट्टी से बनाए गए इन बर्तनों में किसी भी तरह के हानिकारक केमिकल का इस्तेमाल नहीं होता। साथ ही ये आपके बजट के भीतर बड़ी आसानी से आ जाते हैं।

40 देश घूमे, रोबोटिक आर्किटेक्चर की पढ़ाई की, पर पारंपरिक भारतीय शैली से बनाया घर

By प्रीति टौंक

कोयंबटूर में A PLUS R आर्किटेक्चर फर्म चलानेवाले राघव ने विदेश से रोबॉटिक आर्किटेक्चर की पढ़ाई की है और तकरीबन 40 देशों की यात्रा भी की है। बावजूद इसके वह पारम्परिक तकनीक से बने भारतीय घरों को सबसे ज्यादा सस्टेनेबल मानते हैं। इसका अच्छा उदाहरण पेश करने के लिए उन्होंने अपने परिवार के लिए एक जीरो कार्बन फुट प्रिंट वाला घर तैयार किया है, जिसका नाम है Casa Roca!