सरायकेला, झारखंड के बासुरदा गांव में रहनेवाले कामदेव पान ने अपनी ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई गांव से ही की है। मशीनों से उन्हें बेहद लगाव है, उन्होंने खुद की सूझ-बूझ से एक साइकिल को ई-स्कूटर में बदला है और राज्य भर में इतने मशहूर हो गए कि उन्हें आज मुंबई की बड़ी कंपनी में नौकरी तक मिल गई।
केरल के पारम्परिक घर के साथ पर्यावरण का ध्यान रखते हुए कोड़िकोड के रिटायर्ड पुलिस अधिकारी सुब्रमनिया ने अपने लिए एक खूबसूरत घर बनाया है, जो देखने में भले आलिशान हो, लेकिन अनुभव मिट्टी के घर में रहने का देता है।
अगर आप भी गर्मियों में एसी के महंगे बिल से परेशान रहते हैं, तो Solar AC आपके लिए एक अच्छा विकल्प बन सकता है। उतर प्रदेश में सोलर एसी बनानेवाली कंपनी Exalta India के मुताबिक ये एसी पर्यावरण को नुकसान पहुचाएं बिना आपके बिजली के बिल को 80 प्रतिशत तक कम कर सकते हैं।
असम में ऐरोमिका टी नाम से चाय (assam tea) का स्टार्टअप चलानेवाले रंजीत बरूआ, चाय के कई एग्ज़ॉटिक फ्लेवर्स बेचते हैं। साथ ही उन्होंने चाय के पैकट में भी कई तरह के प्रयोग किए हैं। पहले उन्होंने ब्रेल लिपि वाले चाय पैक को लॉन्च किया था और हाल ही में उन्होंने ईको-फ्रेंडली पैक भी लॉन्च किया है, जिससे इस्तेमाल के बाद पौधा उगाया जा सकता है।
राजस्थान के दो दोस्त इंद्र राज जाठ और सीमा सैनी ने खेती को सस्टेनेबल बनाने के लिए बेहतरीन मॉडल तैयार किया है, जिसमें वे पशुपालन और एग्रो टूरिज्म के जरिए लाखों की कमाई कर रहे हैं।
बेंगलुरु की रहनेवाली 11वीं की छात्रा रचना बोडागु का सपना, इको फ्रेंडली तरीके से पानी पंप करने में किसानों की मदद करना था और इसे साकार करने के लिए, रचना ने एक सोलर साइकल बनाई है, जिससे किसान आसानी से वॉटर पम्प कर सकते हैं।
कोयंबटूर में A PLUS R आर्किटेक्चर फर्म चलानेवाले राघव ने विदेश से रोबॉटिक आर्किटेक्चर की पढ़ाई की है और तकरीबन 40 देशों की यात्रा भी की है। बावजूद इसके वह पारम्परिक तकनीक से बने भारतीय घरों को सबसे ज्यादा सस्टेनेबल मानते हैं। इसका अच्छा उदाहरण पेश करने के लिए उन्होंने अपने परिवार के लिए एक जीरो कार्बन फुट प्रिंट वाला घर तैयार किया है, जिसका नाम है Casa Roca!