Powered by

Latest Stories

HomeAuthorsनिशा डागर
author image

निशा डागर

बातें करने और लिखने की शौक़ीन निशा डागर हरियाणा से ताल्लुक रखती हैं. निशा ने दिल्ली विश्वविद्यालय से अपनी ग्रेजुएशन और हैदराबाद विश्वविद्यालय से मास्टर्स की है. लेखन के अलावा निशा को 'डेवलपमेंट कम्युनिकेशन' और रिसर्च के क्षेत्र में दिलचस्पी है.

डॉ. रेहाना बशीर: जम्मू-कश्मीर के पुंछ से यूपीएससी उत्तीर्ण करने वाली पहली लड़की!

By निशा डागर

हाल ही में, यूपीएससी 2018 का परिणाम घोषित हुआ है और जम्मू में पूंछ जिले से इस परीक्षा को पास करने वाली डॉ. रेहाना बशीर, पहली लड़की हैं। साल 2016 में अपनी इंटर्नशिप पूरी होने के बाद उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी शुरू की थी।

तिहाड़ जेल के कैदियों को ज़िंदगी का 'सेकंड चांस' दे रही है दिल्ली की यह युवती!

By निशा डागर

दिल्ली की रहने वाली एलीना जॉर्ज, 'सेकंड चांस' पहल के ज़रिए तिहाड़ जेल के जेल नंबर 5 के कैदियों के जीवन को सुधार रही हैं। TYCIA संगठन के साथ शुरू हुए इस अभियान को अब वे बड़े स्तर पर ले जाना चाहती हैं, जिससे भारत के हर एक जेल में यह अभियान शुरू हो सके!

रवीन्द्र प्रभात: हिंदी में ब्लॉग लिखने का है शौक, तो इनसे ज़रूर मिले!

By निशा डागर

हिंदी के प्रसिद्द साहित्यकार और हिंदी ब्लॉगिंग को एक नयी पहचान देने वाले ब्लॉगर, रवीन्द्र प्रभात ने साहित्य की कई विधाओं पर अपनी लेखनी चलाई है। साल 2007 से उन्होंने ब्लॉगिंग के ज़रिए हिंदी साहित्य में उभरते हुए सितारों को पहचान और सम्मान दिलाने का अभियान छेड़ा हुआ है।

4,800 की आबादी वाले इस गाँव में हैं 6000 पेड़, इंटरलॉक रास्ते, वॉटर फ़िल्टर सिस्टम और डिजिटल कार्यालय भी!

By निशा डागर

राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में स्थित ग्राम पंचायत घमुड़वाली आज देश की स्वच्छ और हरित ग्राम पंचायतों में शामिल होती है। यहाँ के सरपंच राजाराम जाखड़ के नेतृत्व में गाँव में बहुत से विकास कार्य हुए हैं और आगे भी जारी हैं। इन विकास कार्यों को देखते हुए ही घमुड़वाली गाँव को निर्मल गाँव होने का सम्मान प्राप्त है।

दिव्यांग आईएएस अफ़सर ने किया भारत का नाम रौशन; पैरा-बैडमिंटन में जीता सिल्वर!

By निशा डागर

सुहास लालिनाकेरे यथिराज, उत्तर-प्रदेश के प्रयागराज (इलाहाबाद) में जिला अधिकारी के पद पर नियुक्त हैं। हालांकि, एक प्रशासनिक अधिकारी होने के साथ-साथ, सुहास एक बेहतरीन पैरा-एथलीट भी हैं। हाल ही में, उन्होंने पैरा-बैडमिंटन अंतर्राष्ट्रीय चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीतकर देश का नाम रौशन किया है!

जब एक पानवाले के ख़त पर, अहमदाबाद खिचे चले आये थे, अंतरिक्ष पर जाने वाले पहले भारतीय राकेश शर्मा!

By निशा डागर

2 अप्रैल 1984 को अंतरिक्ष में जाने वाले IAF स्क्वाड्रन लीडर राकेश शर्मा पहले और एकमात्र भारतीय हैं। लगभग 7 दिन, 21 घंटे और 40 मिनट उन्होंने अंतरिक्ष स्टेशन, सलयुत 7 पर बिताए। हर साल, उनकी इस यात्रा की सालगिरह पर उन्हें अहमदाबाद से एक पानवाला बधाई के लिए ख़त भेजता है।

गरीबी से लड़कर बनाई अपनी पहचान, 3, 000+ लड़कियों को सिखाई सिलाई और आज भी सफ़र जारी है!

By निशा डागर

गुजरात के अहमदाबाद में रहने वाली छाया सोनावने सिलाई ट्रेनिंग सेंटर चलाती हैं। सिर्फ़ दसवीं तक पढ़ी छाया बेन ने गरीबी से लड़कर अपनी पहचान बनाई है। पिछले 31 सालों में उन्होंने 3, 000 से भी ज़्यादा लड़कियों को सिलाई करना सिखाया है और आज भी यह सिलसिला जारी है।

"परिवार सबसे पहले आता है!"

By निशा डागर

हमें हमेशा सिखाया गया कि परिवार सबसे पहले आता है। हमने अपने पिता को बहुत पहले खो दिया और हमारे भाई और भाभी ने हमें पाला। मैं 4 बहनों और दो भाइयों के साथ बड़ी हुई। अब हम सबके अपने परिवार हैं। लेकिन फिर भी हम ने हमेशा एक दुसरे के आस-पास ही रहने का फैसला किया।

"मेरे शरीर ने उस कला को अपना लिया, जिसके लिए मैंने अपना बचपन दे दिया!"

By निशा डागर

पढ़िये राजस्थान की सांस्कृतिक धरती से आने वाले इस संगीतकार का अनुभव, जिन्होंने अपने बचपन को संगीत-साधना में बीता दिया और आज भी इनके लिए संगीत से बढ़कर कुछ नहीं!