सोनीपत (हरियाणा) के रहनेवाले पावरलिफ्टर सुधीर, आज सभी देशवासियों की आंखों के तारे बन गए हैं। इंग्लैंड के बर्मिंघम में चल रहे कॉमनवेल्थ खेलों में उन्होंने भारत को पैरा पावरलिफ्टिंग में गोल्ड दिलाया है।
अभिनेता राजेश तैलंग (Rajesh Tailang) केवल एक मंझे हुए कलाकार ही नहीं, बल्कि एक सधे हुए कवि भी है। आज चर्चा, उनके संतोष भरे जीवन के साथ-साथ, उनकी किताब 'चाँद पे चाय' की!
हिन्दी साहित्य के व्यंग्य विधा में सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार, हरिशंकर परसाई किसी भी तरह के परिचय के मोहताज़ नहीं हैं। उनकी कलम से निकले हर एक शब्द सच्चाई का आईना हैं। पढ़ें, उनके जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातें।
निर्मल वर्मा ने अपने जीवन में ‘वे दिन’, ‘लाल टीन की छत’ जैसी कई रचनाओं को अंजाम दिया। लेखनी में उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
साल 1892 में लहरी प्रेस ने 'चंद्रकांता' उपन्यास को प्रकाशित किया था और इसके 102 साल बाद, 1994 में दूरदर्शन पर इसे धारावाहिक के तौर पर प्रसारित किया गया!
हिंदी के प्रसिद्द साहित्यकार और हिंदी ब्लॉगिंग को एक नयी पहचान देने वाले ब्लॉगर, रवीन्द्र प्रभात ने साहित्य की कई विधाओं पर अपनी लेखनी चलाई है। साल 2007 से उन्होंने ब्लॉगिंग के ज़रिए हिंदी साहित्य में उभरते हुए सितारों को पहचान और सम्मान दिलाने का अभियान छेड़ा हुआ है।
मृत्यु-मुखी पति की सेवा करती पत्नी की पीड़ा के ज़रिये मन्नू जी ने समाज का वह चेहरा सामने रखा है, जिसमें स्त्री को केवल सेवक के रूप में देखा जाता है और यह भुला दिया जाता है कि वह भी एक मानव है, जिसे पीड़ा होती है, जो थकती भी है और जिसे भूख भी लगती है!