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निशा डागर

बातें करने और लिखने की शौक़ीन निशा डागर हरियाणा से ताल्लुक रखती हैं. निशा ने दिल्ली विश्वविद्यालय से अपनी ग्रेजुएशन और हैदराबाद विश्वविद्यालय से मास्टर्स की है. लेखन के अलावा निशा को 'डेवलपमेंट कम्युनिकेशन' और रिसर्च के क्षेत्र में दिलचस्पी है.

वैजी टू फ्रिजी: न पॉलिथीन की ज़रूरत और न ही टोकरियों की, इस एक बैग में ला सकते हैं पूरे हफ्ते की सब्ज़ियाँ!

By निशा डागर

Bengaluru की रहने वाली तेजश्री मधु और उनकी दोस्त, अनिता शंकर ने साल 2017 में 'अस्तु इको' नाम से एक स्टार्टअप शुरू किया। यह स्टार्टअप 'पृथ्वी और पर्यावरण के अनुकूल' उत्पाद जैसे शॉपिंग बैग, क्रोकरी (प्लेट, गिलास, चम्मच), स्टील की स्ट्रॉ, बॉक्स आदि की डिजाइनिंग व निर्माण करता है।

विदेश से भारत लौटी यह माँ, केवल वेदा को गोद लेने, जिसके पास है 'एक एक्स्ट्रा क्रोमोज़ोम'!

By निशा डागर

कविता बलूनी और उनके पति हिमांशु शायद भारत के पहले दंपत्ति हैं, जिन्होंने Down Syndrome से ग्रसित एक बच्ची को गोद लिया है। अमेरिका में रहते हुए उन्हें ऐसे बहुत बच्चों से मिलने का मौका मिला और फिर उन्होंने तय किया कि ऐसी ही कोई बच्ची गोद लेंगें।

पुणे: दिल की बिमारी से ग्रस्त बच्ची को गोद लेकर इस कुंवारी माँ ने कराया इलाज!

By निशा डागर

Maharashtra में पुणे की रहने वाली 42 वर्षीय अमिता मराठे ने साल 2013 में एक बच्ची गोद ली है। उन्होंने शादी नहीं की, लेकिन वे बच्चा गोद लेना चाहती थीं। उनके इस फ़ैसले में उनके परिवार ने उनका पूरा योगदान दिया।

90 या 99 नहीं बल्कि 60% लाने पर है इस माँ को अपने बेटे पर गर्व!

By निशा डागर

दिल्ली की रहने वाली वंदना सुफिया कटोच ने CBSE का रिजल्ट आने के बाद 6 मई, 2019 को फेसबुक पर अपनी पोस्ट शेयर की। इस पोस्ट में उन्होंने लिखा कि 10वीं क्लास में उनके बेटे के 60% अंक आये हैं और वे अपने बेटे की इस कामयाबी पर बहुत खुश हैं!

चंडीगढ़ पुलिस का सिपाही बन गया हरियाणा का 'ट्री-मैन,' लगवाए डेढ़ लाख से भी ज़्यादा पेड़-पौधे!

By निशा डागर

चंडीगढ़ पुलिस में कोंस्टेबल के पद पर कार्यरत देवेंदर सूरा को 'हरियाणा का ट्री-मैन' कहा जाता है। पिछले 7 सालों में उन्होंने अपने वेतन खर्च कर लगभग 182 गांवों और कुछ अन्य शहरों में 1, 54, 000 पेड़ लगवाए हैं और लगभग 2, 72, 000 पेड़ स्कूल, शादी समारोह, रेलवे स्टेशन, मंदिर आदि में जा-जाकर बांटे हैं।

प्रशासन और ग्रामीणों के बीच सेतु बनकर, 20, 000+ लोगों तक पहुंचाई सरकारी योजनायें!

By निशा डागर

उत्तर-प्रदेश के जगापुर गाँव में पली-बढ़ी रमा सिंह दुर्गवंशी फिलह मुंबई में एक कंपनी में बतौर डायरेक्टर कार्यरत हैं। लेकिन फिर भी वे अपने पति के सहयोग से Arise N Awake संस्था के ज़रिए गांवों के विकास का कार्य कर रही हैं। उनके प्रयासों से 20 हज़ार से भी ज़्यादा लोगों को लाभ मिला है।

एक बार साँप ने काटा, दो बार तस्करों ने चलायी गोलियाँ, फिर भी किया 17, 000+ सांपों का रेस्क्यू!

By निशा डागर

उड़ीसा में 'PFA- अंगुल यूनिट' के चेयरमैन बिप्लब महापात्रा हमेशा से ही जीव-जंतुओं के प्रति संवेदनशील रहे हैं। उनकी टीम सिर्फ़ अंगुल में नहीं बल्कि पूरे उड़ीसा में है। अब तक उन्होंने 17, 000 साँप, 500 बिल्ली, 200 पक्षी, 15 बन्दर और 2, 200 और अलग-अलग प्रजाति जैसे कछुआ, गिरगिट, छिपकली आदि को बचाया है!

समाज की सोच को बदलने की पहल, 3,000+ दिव्यांगों को बनाया आत्म-निर्भर!

By निशा डागर

गिफ्ट-एबल्ड फाउंडेशन दिव्यांगों और उनके अधिकारों के प्रति समाज में संवेदनशीलता और जागरूकता लाने के लिए भी वर्कशॉप आयोजित करती रहती है।

1729, एक टैक्सी और महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन; क्या है इनका संबंध?

By निशा डागर

ब्रिटिश भारत के मद्रास में जन्मे Srinivasan Ramanujan एक महान गणितज्ञ थे। वे दूसरे भारतीय थे, जिन्हें England की The Royal Society की फेलोशिप मिली थी। मात्र 32 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह जाने वाले इस गणितज्ञ के सम्मान में पूरी दुनिया में आयोजन होते हैं।

बचपन से था मासूम कुत्ते को न बचा पाने का दर्द; आज कर चुकी हैं एक लाख से ज़्यादा जानवरों की मदद!

By निशा डागर

55 वर्षीय शकुंतला मजुमदार Mumbai में ‘ठाणे सोसाइटी फॉर द प्रिवेंशन ऑफ़ क्रुएलिटी टु एनिमल्स’ (Thane SPCA) संगठन की प्रेजिडेंट हैं। साल 2002 में उन्होंने इस सोसाइटी की शुरुआत की थी। इसके ज़रिये वे शहर में जानवरों के संरक्षण के क्षेत्र में काम कर रही हैं।