यात्रा की शौक़ीन केरल की मित्रा सतीश ने अपने 10 साल के बेटे के साथ, एक शानदार रोड ट्रिप पूरी की है। उन्होंने दक्षिण भारत से लेकर, देश के पूर्वोतर राज्यों के गांवों में छिपी कला को करीब से जानने के लिए, 16,804 किलोमीटर की यात्रा की।
पवन सतपुड़ा के जंगलों में अनेक प्रकार की अड्वेंचर एक्टिविटी चलाते हैं जिसमें ट्रेकिंग, कैंपिंग, रिवर वाल्किंग, स्टार गेजिंग, बाइकिंग आदि शामिल हैं। पवन ने यहाँ पातालकोट और तामिया में लगभग 12 ट्रेक ख़ुद ढूँढ निकाले हैं।
दीप्ति और अभिषेक ने तय किया है कि जो भी यात्री यहाँ पर रुकेंगे और यहाँ घूमते हुए या फिर ट्रैकिंग के वक़्त प्लास्टिक वेस्ट को इकट्ठा करके वापिस लायेंगे, उन्हें वे 10 से 20% का डिस्काउंट भी देंगे!
हमारी आँखों पर शहरों की चकाचौंध का ऐसा चश्मा चढ़ा हुआ है कि अपने पीछे छूटे हुए गाँव का अंधेरा हमें दिखाई ही नहीं देता। इसी अंधेरे को दूर करने के लिए एक कदम उठाया है अन्नू और भावेश ने !
अपने देश-दुनिया के असल सौंदर्य को देखने-समझने, उसकी समृद्ध संस्कृति, परंपराओं और सीधी-सरल जीवनचर्या से मिलने के लिए गाँव-देहात आज भी सबसे आदर्श मंजिल हैं। और शहर से गांव तक के इस सफर में क्या पता कब-कहाँ आपका अपना अतीत मिल जाए! कौन जाने, किस मोड़ पर कोई ठहरा-सा पल दिख जाए।
''आमतौर पर मेरी वॉक से पास-पड़ोस के लोग ज्यादा जुड़ते हैं, मुझे काफी अच्छा लगता है जब खुद बांद्रावासी मेरे साथ अपनी ही जडों को टटोलने निकल पड़ते हैं और अचानक उन्हें लगता है कि वे एलिस इन वंडरलैंड की तरह हैं।''