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जेब में थे सिर्फ 170 रुपये, साइकिल पर चाय बेचते हुए, कर ली केरल से कश्मीर की यात्रा

By निशा डागर

केरल के त्रिशूर के रहने वाले 23 वर्षीय निधिन मलियक्कल ने, साइकिल पर केरल से कश्मीर तक की यात्रा की है और वह भी चाय बेचते हुए।

माँ-बेटे की रोड-ट्रिप, 51 दिनों में 28 राज्य, 6 यूनियन टेरिटरी और 3 इंटरनैशनल बॉर्डर

By प्रीति टौंक

यात्रा की शौक़ीन केरल की मित्रा सतीश ने अपने 10 साल के बेटे के साथ, एक शानदार रोड ट्रिप पूरी की है। उन्होंने दक्षिण भारत से लेकर, देश के पूर्वोतर राज्यों के गांवों में छिपी कला को करीब से जानने के लिए, 16,804 किलोमीटर की यात्रा की।

उस शख्स की कहानी जिसने सतपुड़ा के जंगलों को टूरिस्ट स्पॉट में बदल डाला!

पवन सतपुड़ा के जंगलों में अनेक प्रकार की अड्वेंचर एक्टिविटी चलाते हैं जिसमें ट्रेकिंग, कैंपिंग, रिवर वाल्किंग, स्टार गेजिंग, बाइकिंग आदि शामिल हैं। पवन ने यहाँ पातालकोट और तामिया में लगभग 12 ट्रेक ख़ुद ढूँढ निकाले हैं।

खेती से नहीं हो रहा था फायदा तो इस किसान ने खेतों में बना दिया विंटेज विलेज!

इस विंटेज विलेज की सौंधी-सौंधी ठंड के मज़े लेने अब विदेशी पर्यटक भी यहाँ आने लगे हैं।

इस दंपति ने 26, 500 बेकार प्लास्टिक की बोतलों से बनाया पहाड़ों में होमस्टे!

By निशा डागर

दीप्ति और अभिषेक ने तय किया है कि जो भी यात्री यहाँ पर रुकेंगे और यहाँ घूमते हुए या फिर ट्रैकिंग के वक़्त प्लास्टिक वेस्ट को इकट्ठा करके वापिस लायेंगे, उन्हें वे 10 से 20% का डिस्काउंट भी देंगे!

उदयपुर की 'धरोहर': इस इवनिंग शो को देखने के लिए देश-विदेश से पहुँचते हैं पर्यटक यहाँ!

धरोहर का एक ही सपना है, कि लोक कलाकारों को एक मंच मिले और पूरा सम्मान भी। साथ ही उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत हो।

दो युवाओं ने केरल के इन छोटे-छोटे गाँवों को बना दिया बेहतरीन टूरिज्म स्पॉट!

हमारी आँखों पर शहरों की चकाचौंध का ऐसा चश्मा चढ़ा हुआ है कि अपने पीछे छूटे हुए गाँव का अंधेरा हमें दिखाई ही नहीं देता। इसी अंधेरे को दूर करने के लिए एक कदम उठाया है अन्नू और भावेश ने !

लग्‍ज़री होटल को गुडबाय बोलें, चुनें विलेज टूरिज्‍़म का सुकून!

By अलका कौशिक

अपने देश-दुनिया के असल सौंदर्य को देखने-समझने, उसकी समृद्ध संस्कृति, परंपराओं और सीधी-सरल जीवनचर्या से मिलने के लिए गाँव-देहात आज भी सबसे आदर्श मंजिल हैं। और शहर से गांव तक के इस सफर में क्या पता कब-कहाँ आपका अपना अतीत मिल जाए! कौन जाने, किस मोड़ पर कोई ठहरा-सा पल दिख जाए।

वो 'मुंबई', जो शायद आपने देखी न हो!

By अलका कौशिक

''आमतौर पर मेरी वॉक से पास-पड़ोस के लोग ज्‍यादा जुड़ते हैं, मुझे काफी अच्‍छा लगता है जब खुद बांद्रावासी मेरे साथ अपनी ही जडों को टटोलने निकल पड़ते हैं और अचानक उन्‍हें लगता है कि वे एलिस इन वंडरलैंड की तरह हैं।''

पानी पर बसे हैं घर, चम्बा के इस गाँव में पर्यटन का अलग है अंदाज!

‛नॉट ऑन मैप’ में गांवों की वही तस्वीर टूरिस्ट को दिखाई जाती है जैसा गाँव होता है, कुछ भी गलत या जो नहीं है उसे दिखाने की कोशिश कभी नहीं की जाती।