Powered by

Latest Stories

HomeAuthorsश्रृंखला पांडे
author image

श्रृंखला पांडे

पिता के इलाज के दौरान कई रात भूखे रहे विशाल, आज अस्पताल में निःशुल्क बाँटते हैं खाना!

विशाल का फाउंडेशन सिर्फ खाना ही नहीं बल्कि जरूरतमंद लोगों को रहने के लिए छत भी देता है। अस्पताल के बाहर उन्होंने रैन बसेरे बनवाएं हैं जहां तीमारदार ठहर सकते हैं।

खेती से नहीं हो रहा था फायदा तो इस किसान ने खेतों में बना दिया विंटेज विलेज!

इस विंटेज विलेज की सौंधी-सौंधी ठंड के मज़े लेने अब विदेशी पर्यटक भी यहाँ आने लगे हैं।

इस किसान के खेत में उगती हैं सात फीट लंबी लौकियां, दूर-दूर से देखने आते हैं लोग!

एक बेल में एक सीजन में कम से कम 100 ऐसी लौकियां फलती हैं। कमाल की बात यह है कि आलोक ने यह कारनामा बिना किसी रासायनिक खाद और दवा के किया है।

जिस गाँव में था बाल-विवाह का सबसे ज़्यादा दर, उसी गाँव में अब मीडिया की आवाज़ बनीं हैं ये 'स्मार्ट बेटियां'!

"दसवीं के बाद मेरे घर वालों ने मुझे स्कूल भेजने से मना कर दिया जबकि मेरे भाई पढ़ने जाते थे। मुझसे और मेरी बहनों से कहा गया कि हम आखिर पढ़कर क्या कर लेंगी।"

मनचलों के लिए आफत है लखनऊ में लड़कियों की ये रेड ब्रिगेड टीम!

रेड ब्रिगेड लखनऊ नाम से यह टीम उन लड़कियों ने बनाई जो खुद कभी रेप और छेड़छाड़ की शिकार हो चुकी हैं।

मिलिए लखनऊ की शबा बानो से; सपेरों से छीनकर अब तक 1500 सांपों को कर चुकी हैं आज़ाद!

इन जानवरों को भी चोट लगने, बीमारी या भूख में उतनी ही तकलीफ होती है जितनी हम इंसानों को। जानवरों से अगर प्यार करो तो वो बदले में आपसे उतनी ही वफादारी से प्यार करते हैं। इसलिए इनके प्रति क्रूरता और अपराध को रोकना चाहिए। - शबा बानो

हौसले से भर देगी इस क्रिकेटर की कहानी, अक्षमता के बावजूद बना चैंपियन!

अमन इंडिया अंडर 16 और अंडर 19 खेल चुके हैं। नेशनल और इंटरनेशनल मिलाकर उन्होंने 20 से ज्यादा पदक जीते हैं।

65 वर्ष की उम्र में शुरू की औषधीय खेती; लाखों में है अब मुनाफ़ा!

''जब उन्होंने पहली बार एक एकड़ में पीली सतावरी लगाई तो आसपास के लोगों ने कहा, पंडित जी क्या झाड़ियां उगा रहे हो? कई लोगों को लगा इनकी बर्बादी के दिन आ गए हैं। लेकिन जब फसल कटी तो करीब चार लाख रुपए मिले। बाकी फसलों के मुकाबले ये रकम कई गुना थी।''

इन महिला किसानों से सीखिए खेती और पशुपालन के नए तरीके, होगा मुनाफ़ा!

सुधा को डेयरी क्षेत्र में सराहनीय काम करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से लगातार 4 बार गोकुल पुरस्कार भी मिल चुका है। सुधा आज गाँव की दूसरी महिलाओं को भी डेयरी का संचालन करना सिखा रही हैं।

किसी ने खोला ब्यूटी पार्लर तो किसी ने बुटीक; एक आइडिया ने बदली इन ग्रामीण महिलाओं की दुनिया!

गाँवों की जनसंख्या में तकरीबन 40.51 करोड़ महिलाएं हैं। अगर हम इन ग्रामीण महिलाओं को सामाजिक व आर्थिक रूप से सशक्त बना सकें और ट्रेनिंग देकर छोटे-मोटे व्यवसाय से उन्हें जोड़ सकें तो ये आर्थिक विकास में मदद करेंगी।