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इको- फ्रेंडली

E-Waste to Eco-Art: बेकार पड़े गैजेट्स से बना दी पेंटिंग, ज्वेलरी, घड़ी जैसी चीजें

By निशा डागर

बेंगलुरु में रहने वाले 58 वर्षीय विश्वनाथ मल्लाबादी एक इको-आर्टिस्ट हैं, जो पिछले आठ सालों से इलेक्ट्रॉनिक कचरे को अपसायकल करके ज्वेलरी, पेंटिंग, मिनी बिल्डिंग, डमी रोबोट आदि बना रहे हैं।

वोकल फॉर लोकल की मिसाल है शोभा कुमारी की कला, 1000+ महिलाओं को दी है फ्री ट्रेनिंग

By निशा डागर

रांची, झारखंड की रहने वाली शोभा कुमारी, पिछले 27 सालों से हैंडीक्राफ्ट के क्षेत्र में काम कर रही हैं। अपने संगठन ‘सृजन हैंडीक्राफ्ट्स’ के जरिए, वह हैंडीक्राफ्ट बैग और मिट्टी की गुड़िया जैसी चीज़ें बना रही हैं। उन्होंने अब तक हजार से ज्यादा महिलाओं को निःशुल्क ट्रेनिंग दी है। साथ ही, वह 40 से ज्यादा महिलाओं को रोजगार भी दे रही हैं।

50 रुपए में 1000 किमी चल सकती है पुणे स्थित EV कंपनी की ई-साइकिल, फोन की तरह होती है चार्ज

By निशा डागर

हावर्ड बिज़नेस स्कूल से पढ़े, अतुल्य मित्तल की EV कंपनी 'Nexzu Mobility' ने, ई-साइकिल के दो मॉडल 'Rompus+' और 'Roadlark' तैयार किये हैं। दोनों साइकिलों को 750 बार चार्ज किया जा सकता है। ये काफी किफायती और पर्यावरण के अनुकूल हैं।

पुराने अखबारों से बैग बना खड़ा किया व्यवसाय, विदेशों में जाते हैं उत्पाद

By निशा डागर

कोचीन, केरल में रहने वाली दीविया थॉमस ने साल 2008 में पुराने अखबारों से बैग बना कर अपने काम की शुरुआत की थी और आज वह इको-फ्रेंडली बैग के साथ-साथ डिब्बे, कार्ड, पेपर-पेन जैसे उत्पाद भी बना रहीं हैं।

आंध्र के युवक का अनोखा इडली स्टॉल: ज्वार, बाजरे की इडली को पैक करते हैं पत्तों में

By निशा डागर

आंध्र प्रदेश के विशाखापट्नम स्थित एमवीपी कॉलोनी में रहने वाले चित्तम सुधीर सीधा किसानों से 8 तरह के अनाज खरीदकर अपने स्टॉल पर अलग-अलग तरह की इडली बनाते हैं!

IIT Kharagpur के शोधकर्ताओं का कमाल, खीरे के छिलके से बनाया इको फ्रेंडली पैकेजिंग मैटेरियल

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), खड़गपुर की शोधार्थी प्रोफेसर जयीता मित्रा और साई प्रसन्ना ने खीरे के छिलके से पर्यावरण के अनुकूल पैकेजिंग मैटेरियल बना दिया, जो सौ फीसदी बॉयोडिग्रेडेबल है।

घर में ही कैसे करें प्लास्टिक की बोतलों का इस्तेमाल: 10 #DIY आईडिया!

By निशा डागर

घर में बेकार पड़ी प्लास्टिक की बोतलों से आप बहुत-सी काम में आने वाली चीजें बना सकते हैं जैसे कि प्लांटर, पिगी बैंक, बर्ड फीडर, और हैंगिंग गार्डन आदि!

मंदिर के कचरे में ढूंढा व्यवसाय का खज़ाना, खड़ा कर दिया करोड़ों का कारोबार!

By निशा डागर

साल 1998 से अम्बा जी मंदिर के बिल्कुल बाहर रामी की दुकान है, जहाँ आज वे दो हज़ार से भी ज़्यादा हैंडीक्राफ्ट प्रोडक्ट्स बेचते हैं!

वैजी टू फ्रिजी: न पॉलिथीन की ज़रूरत और न ही टोकरियों की, इस एक बैग में ला सकते हैं पूरे हफ्ते की सब्ज़ियाँ!

By निशा डागर

Bengaluru की रहने वाली तेजश्री मधु और उनकी दोस्त, अनिता शंकर ने साल 2017 में 'अस्तु इको' नाम से एक स्टार्टअप शुरू किया। यह स्टार्टअप 'पृथ्वी और पर्यावरण के अनुकूल' उत्पाद जैसे शॉपिंग बैग, क्रोकरी (प्लेट, गिलास, चम्मच), स्टील की स्ट्रॉ, बॉक्स आदि की डिजाइनिंग व निर्माण करता है।