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अर्चना गुप्ता

इस कहानी की दुकान से मुफ्त में सपने खरीदते हैं गाँव के बच्चे, दुकानदार हैं दो दोस्त

अनूप और जैस्मीन वीकेंड में ऑफिस के बाद 13-14 घंटे ड्राइव कर के गुनेहर गाँव तक जाते हैं। वहाँ वे बच्चों को हर वो चीज़ सिखाने की कोशिश करते हैं जो शहर के बच्चे सीखते हैं जैसे एक्टिंग, म्यूज़िक, आर्ट आदि।

पानी से भरा एक पुल, बीच में फंसी एंबुलेंस, फिर 12 साल के बच्चे ने दिखाई राह!

वेंकटेश वीरता पुरस्कार मिलने से खुश है, लेकिन वह अब भी कहता है कि उसने सिर्फ वही किया जो हर इंसान को करना चाहिए - 'एक दूसरे की मदद'!

UPSC EXAM: सिर्फ 3 महीने बचे हैं तैयारी को, जानिए महत्वपूर्ण बातें!

सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दी गई है। 3 मार्च को शाम 6 बजे तक भर सकते हैं ऑनलाइन आवेदन फॉर्म।

सुबह 4 बजे उठकर सब्जी बेचनेवाली ललिता बन गई हैं एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की स्टेट टॉपर!

ललिता, इसरो के चीफ, के. सिवान को अपना रोल मॉडल मानती हैं। उनका सपना है कि वह अंतरिक्ष वैज्ञानिक बनें।

बेटी के जन्म के बाद बनीं डॉक्टर, कंगना के पंगे से कम नहीं था संघर्षों से इनका 'पंगा'!

फिल्म देखने के दौरान निधि को लगा मानो जैसे सारे किरदार एकदम से जीवंत हो उठे हो और उनकी कहानी के इर्द-गिर्द घूमने लगे हो।