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कभी करते थे ऑफिस बॉय की नौकरी, पराली से प्लाइवुड बनाकर खड़ी कर दी करोड़ों की कंपनी

By निशा डागर

चेन्नई के बी. एल. बेंगानी ने 'Indowud Design Technology' नामक एक स्टार्टअप लॉन्च किया है, जहाँ वे पराली का इस्तेमाल करके प्लाईवुड बना रहे हैं।

3960 मीटर बेकार सीट बेल्ट से खड़ा किया बिज़नेस, लाखों में हो रही कमाई

By निशा डागर

गुरुग्राम के गौतम मलिक ने 2015 में अपनी माँ, डॉ. ऊषा मलिक और अपनी पत्नी भावना डन्डोना के साथ मिलकर 'जैगरी बैग्स' की शुरूआत की। वे पुरानी-बेकार सीट बेल्ट और कार्गो बेल्ट को अपसायकल करके, खूबसूरत और टिकाऊ बैग बना रहे हैं।

अपनी ही ज़मीन से निकली मिट्टी से बनाया घर, लगाए 800 पेड़-पौधें, न AC, न कूलर, न बिजली बिल

By निशा डागर

तमिलनाडु में पोल्लाची के एक गाँव के रहने वाले रामचंद्रन सुब्रमणियन एक इको-फ्रेंडली घर में रहते हैं, जहाँ उनके बिजली और पानी का बिल एकदम जीरो आता है।

वीकेंड पर लेती हैं खाने के ऑर्डर, उन पैसों से खिलाती हैं बेसहारा जानवरों को खाना

By निशा डागर

लुधियाना में रहने वाली रूह चौधरी, पिछले कई सालों से इको-फ्रेंडली तरीकों से अपना जीवन जी रही हैं और साथ ही, वह हर दिन लगभग 75 बेसहारा जानवरों को खाना खिलाती हैं।

पहले भरते थे रु. 10000 का बिजली बिल, अब ‘ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम’ लगवाने से बिल हुआ जीरो

By निशा डागर

अहमदाबाद, गुजरात में रहने वाले 31 वर्षीय डॉ. दिलीपसिंह सोढ़ा ने, अपनी छत पर पाँच किलोवाट क्षमता वाला सोलर सिस्टम लगवाकर, अपने घर के बिजली बिल को जीरो कर लिया है। इसके साथ ही, वह अपने पिता के साथ मिलकर पौधरोपण, ‘ट्रीगार्ड’ और ‘कार फ्री डे’ जैसी पहलों पर भी काम कर रहे हैं।

जूट, मिट्टी और हल्दी से बनाया इको-फ्रेंडली रेस्टोरेंट, जानिए कैसे!

अहमदाबाद में रहने वाले भाद्री और स्नेहल ने अपनी फर्म tHE gRID Architects के तहत, मिट्टी, हल्दी और जूट का इस्तेमाल करते हुए, ‘मिट्टी के रंग’ नाम से एक रेस्टोरेंट को बनाया, जो इको-फ्रेंडली होने के साथ ही, 50 फीसदी सस्ता भी है।

Video: मिलिए बेंगलुरु की एक ऐसी जोड़ी से, जिनके घर में न पंखा है, न बल्ब!

बेंगलुरू के रहने वाले रंजन और रेवा मलिक का घर पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल है। यही कारण है कि ग्रिड पावर पर उनकी निर्भरता काफी कम हो गई है।

मिट्टी से घर बनाना, पिछड़ेपन का प्रतीक है?” ऐसे कई मुद्दों को सुलझा रहे यह आर्किटेक्ट

बेंगलुरु के रहने वाले सत्य प्रकाश वाराणशी अपनी फर्म सत्य कंसल्टेंट्स के तहत, पिछले करीब 28 वर्षों से आर्किटेक्चर के क्षेत्र में इको-फ्रेंडली संरचनाओं को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत हैं। इस दौरान उन्होंने 500 से अधिक परियोजनाओं को अंजाम दिया है।

पुणे की इस कंपनी ने बनाई देश की पहली डुअल सस्पेंशन साइकिल, जानिये क्या है खास!

आज ई-व्हिकल खरीददारों के मन में सबसे बड़ा सवाल होता है - क्या होगा यदि वाहन की बैटरी आधे रास्ते में ही डिस्चार्ज हो जाए? इसी को देखते हुए, पुणे स्थित E Motorad कंपनी ने एक ऐसी ई-साइकिल को विकसित किया है, जिसे ई-बाइक के रूप में चलाने के साथ ही, आम साइकिल के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

8वीं पास ने बनाई फाइबर वेस्ट से बैग, चटाई, टोकरी बनाने वाली मशीन, करोड़ों में हुई कमाई

By निशा डागर

मदुरई, तमिलनाडु के एक गाँव के रहने वाले मुरुगेसन ने केले के फाइबर की प्रोसेसिंग के लिए एक मशीन बनाई है, जिससे वह हर साल 500 टन फाइबर वेस्ट को प्रोसेस करके बैग, टोकरी, और चटाई जैसे उत्पाद बना रहे हैं। इस उद्यम से लगभग 350 लोगों को रोजगार मिल रहा है।