जोधपुर में रहनेवाली सना फिरदौस का प्रकृति और पक्षी प्रेम देखकर आप भी खुश हो जाएंगे। घर की बेकार चीजों का उपयोग करके, उन्होंने घर पर ही एक बेहद सुंदर पक्षी अभ्यारण्य बनाया है।
अभाव से आवश्यकताएं जन्म लेती हैं, असफलताएं नहीं। राजस्थान के भैरूसरी के किसान सहदेव सहारण की पांचों बेटियों रोमा, मंजू, ऋतु, अंशु और सुमन सहारण का RAS में चयन हुआ।
राजस्थान के नागौर जिला स्थित सिरसूं गाँव में रहनेवाले 50 वर्षीय रेंवत सिंह राठौड़ के खेत में 2000 से भी ज्यादा पेड़-पौधे हैं। उन्होंने एक खेजड़ी के पेड़ पर ट्रीहाउस भी बनाया है।
Rajkumari Ratnavati Girls School को न्यूयॉर्क की डायना केलॉग ने डिज़ाइन किया है। राजस्थान में महिला साक्षरता दर महज 32% है। ऐसे में जैसलमेर के कनोई गाँव का यह स्कूल लड़कियों को एक नई उमंग दे रहा है।
राजस्थान में श्रीगंगानगर जिले के रहने वाले 62 वर्षीय गुरमैल सिंह धौंसी, एक फैब्रीकेटर, मैकेनिक और आविष्कारक हैं। उन्होंने कम्पोस्ट मेकर, ट्री प्रूनर जैसी 20 से ज्यादा मशीनें बनाई हैं।
जयपुर की अनुपमा तिवाड़ी, पिछले 12 साल से पौधे लगा रही हैं। अब तक उन्होंने 15000 से ज्यादा पेड़-पौधे लगाए हैं। उनके जीवन का लक्ष्य एक लाख पेड़-पौधे लगाना है।