– डॉ. तपेश माथुर
साल 2014 में जयपुर के हिंगोनिया गौशाला में पशुओं की मौत के मामले बढ़ने के बाद डॉ. तपेश माथुर को वहां तैनात किया गया।
इस दौरान माथुर को किसी हादसे में अपने पैर खो चुकी गायों के लिए कृत्रिम अंग लगाने की जरूरत महसूस हुई।
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