जयपुर की अनुपमा तिवाड़ी, पिछले 12 साल से पौधे लगा रही हैं। अब तक उन्होंने 15000 से ज्यादा पेड़-पौधे लगाए हैं। उनके जीवन का लक्ष्य एक लाख पेड़-पौधे लगाना है।
बीकानेर, राजस्थान के एक छोटे से गाँव में जन्में प्रेमसुख डेलू ने बड़ी कठिनाइयों में अपना बचपन बिताया, लेकिन अपनी कड़ी मेहनत की वजह से आज वह एक IPS अफसर बनकर देश की सेवा कर रहे हैं।
70 के दशक में Linc Pen & Plastic Ltd शुरु की गई थी। कंपनी का उदेश्य भारतीय छात्रों के लिए किफायती दाम पर जेल पेन का विकल्प प्रदान करना था। कंपनी के संस्थापक सूरज मल जलान के बेटे और वर्तमान में कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर, दीपक जलान ने हमसे बात करते हुए विस्तार से बताया कि कैसे कंपनी ग्रामीण क्षेत्र के साथ शहरों में भी अपनी जगह बनाने में सफल रहा है।
जयपुर, राजस्थान के रहने वाले 25 वर्षीय अनिल थडानी ने कृषि विषय में पढ़ाई की है और उन्होंने अपने घर की छत से नर्सरी का काम शुरू किया, जिसके तहत आज वह 20 से ज्यादा लोगों के घरों में हाइड्रोपोनिक, वर्टिकल और टेरेस गार्डन लगा चुके हैं और लगभग ढाई हजार किसानों को जैविक खेती की ट्रेनिंग दे रहे हैं।
जयपुर, राजस्थान की रहने वालीं शिक्षिका अन्नू कँवर, पिछले दो सालों से मशरूम उगाकर ग्राहकों तक पहुंचा रही हैं। लेकिन कोरोना माहमारी के चलते जब बाजार बंद हो गया तो, उन्होंने मशरूम से पाउडर, अचार और नमकीन जैसे उत्पाद बनाकर खुद का ब्रांड, आमल्दा ऑर्गेनिक्स शुरू किया।
राजस्थान के इलेक्ट्रॉनिक्स इंजिनियर आकाश ने, 50 पैसे प्रति किमी से भी कम में तय की, टाटा नेक्सन इलेक्ट्रिक कार से, जयपुर से लोंगेवाला तक की 1500 किमी की लम्बी राउंड ट्रिप।