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"लोग मुझे 'क्वीन ऑफ मिलेट' बुलाते हैं, मुझे बहुत ख़ुशी होती है" 

By प्रीति टौंक

ओडिशा के कोरापुट जिले की रहने वाली रायमती घुरिया ने अब तक मिलेट की 30 से अधिक किस्मों को संरक्षित किया है। सातवीं पास रायमती का कृषि और बीज संरक्षण के प्रति लगाव आज उनकी पहचान बन गया है।

38 सालों से लोगों के बेकार सामान को बना रहे जरूरतमंदों की मुस्कान

By प्रीति टौंक

पिछले 38 साल से ओडिशा के जरूरतमंदों तक कपड़ें, खिलौने और कम्बल जैसी बुनियादी चीजें पहुंचाकर उनका जीवन आसान बनाने में लगे हैं गगन पेटल।

कभी दूसरों की मदद से पढ़ाई पूरी करने वाले अबिनाश, आज खुद के खर्च पर पढ़ा रहे हैं 300 बच्चों को

By प्रीति टौंक

चाटोशाली यानी एक ऐसी जगह जहां गांव के बच्चे इकठ्ठा होकर पढ़ाई करते हैं। अबिनाश ने ओडिशा की सालों पुरानी इस प्रथा को जिन्दा किया और संवार दिया सैकड़ों बच्चों का भविष्य।

चाय की रेहड़ी पर पिता की मदद करने के साथ की तैयारी, छठे प्रयास में सूरज ने निकाला NEET

ओड़िशा के रहने वाले सूरज कुमार बेहरा के पिता एक अस्पताल के सामने चाय की रेहड़ी लगाते हैं। बचपन से ही सूरज का सपना था कि वह डॉक्टर बनें। लेकिन कोचिंग की फ़ीस भरने तक के पैसे नहीं थे। पढ़ें, ऐसे हालातों के बावजूद सूरज ने कैसे NEET क्रैक करके बदली अपनी और परिवार की क़िस्मत।

मिलिए ओडिशा की एकमात्र महिला प्लंबिंग ट्रेनर से, 1000+ लोगों को दे चुकी हैं ट्रेनिंग

By प्रीति टौंक

सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद, भुवनेश्वर की शताब्दी साहू ने नौकरी करने के बजाय एक ऐसे काम को चुना, जिसे महिलाओं का काम नहीं समझा जाता। लेकिन भीड़ से हटकर उनके काम ने ही आज उन्हें ओडिशा की एक मात्र महिला प्लंबर ट्रेनर का ख़िताब दिलाया है।

खेल-खेल में बच्चे सीखें गणित इसलिए टीचर ने अपनाई नई तरकीब, बनाया बेहतरीन मैथ्स पार्क 

By प्रीति टौंक

ज्यादातर बच्चों को गणित विषय मुश्किल लगता है, लेकिन अगर बचपन में ही यह डर निकल जाए तो बच्चे ख़ुशी ख़ुशी गणित पढ़ते हैं। इसी सोच के साथ ओडिशा के एक छोटे से गाँव पुझरीपाली गांव के टीचर सुभाष चंद्र साहू ने एक मैथ्स पार्क बनाया है।

कबाड़ का बढ़िया उपयोग करके घर के गार्डन को बनाया थीम पार्क, इस बार सजाई बारात की झांकी

By प्रीति टौंक

अंगुल (ओडिशा) की मोनालिसा पटनायक पांच सालों से अपने घर के गार्डन को किसी थीम पार्क की तरह सजा रही हैं। कभी उनका गार्डन शांति का सन्देश देता है, तो कभी शादी की झांकी दिखाता है। मजेदार बात तो यह है कि इसके लिए वह सिर्फ घर की बेकार चीजों का ही इस्तेमाल करती हैं।

ओडिशा की 500 साल पुरानी 'तारकसी' अब है विदेशियों की फेवरेट सिल्वर फिलीग्री ज्वेलरी

By निशा डागर

इस लेख में पढ़िए ओडिशा की मशहूर सिल्वर फिलीग्री ज्वेलरी मतलब 'तारकसी' के बारे में।

मिसाल हैं यह रिटायर्ड आर्मी मैन, 7 ग्राम पंचायत में लगा चुके हैं 20 हजार पौधे

By निशा डागर

ओडिशा में जाजपुर के, खिरोद जेना पिछले 16 सालों से पेड़-पौधे लगा रहे हैं और अब तक सात ग्राम पंचायतों के गांवों में 20 हजार पौधे लगा चुके हैं।