बचपन से अपने पिता के साथ गार्डनिंग करने वाली मोनालिसा को पौधों से बेहद लगाव है। इसलिए वह जहां भी रहीं, वहां हमेशा पेड़-पौधे उगाती रहीं। लेकिन एक खूबसूरत गार्डन (Flower garden) बनाने का उनका सपना पांच साल पहले पूरा हुआ, जब मोनालिसा पटनायक, अंगुल (ओडिशा) में अपने पति अरुण पटनायक के ऑफिस से मिले घर में रहने आईं।
हालांकि, तब यहां एक भी पौधा नहीं लगा था। इतना ही नहीं, उनका यह क्वार्टर नया ही बना था, इसलिए गार्डन के लिए छोड़ी गई खाली जगह में सीमेंट, टूटी-फूटी ईटें और दूसरा कबाड़ पड़ा था। लेकिन आज उनके घर के अंदर और बाहर इतने पौधे लगे हैं कि मानों घर नहीं, फूलों का गुलदस्ता (Flower garden) हो।
यह काम उनके लिए काफी मुश्किल था, लेकिन वह कहते हैं न शौक बड़ी चीज़ है। गार्डनिंग की शौक़ीन मोनालिसा ने कड़ी मेहनत करके पहले जमीन की पुरानी मिट्टी हटाई, फिर इसमें नई मिट्टी डाली और कुछ बड़े पेड़ लगाए। वह कहती हैं कि सबसे पहले उन्होंने यहां अनार का पौधा लगाया था, जिसमें आज अच्छे फल उग रहे हैं।
कुछ स्थायी पौधे लगाने के बाद, उन्होंने किचन गार्डेन बनाया और मौसमी सब्जियां उगाने लगीं। फिलहाल, उनके घर में 10 तरह के फल और इतनी सब्जियां उगती हैं कि वह पड़ोसियों को भी बांटती रहती हैं।
उन्होंने बताया, “पिछले साल तो मेरे गार्डन में इतनी गोभी हुई थी कि मेरे साथ-साथ पड़ोसियों को भी गोभी नहीं खरीदनी पड़ी। वहीं, गर्मियों में परवल भी यहां खूब उगते हैं। कितनी सारी सब्जियां, तो हम बाहर से खरीदते ही नहीं हैं।
कबाड़ से बनाया घर में ही थीम पार्क
फल-सब्जियां तो ठीक हैं, लेकिन उनके गार्डन की सबसे सुन्दर बात है, इसकी अनोखी सजावट। मोनालिसा काफी रचनात्मक भी हैं। उनके गार्डन में बनी फूलों की क्यारियों (Flower garden) में कहीं भी ईट नहीं लगी है, उन्होंने सारी क्यारियां प्लास्टिक के बोतल से बनाई हैं।
वह कहती हैं, “मैंने सबसे पहले अपने गार्डन को ‘वेस्ट टू बेस्ट’ की थीम पर ही सजाया था, इसके लिए मुझे जहां भी प्लास्टिक की बोतल मिलती थी, मैं उसे घर ले आती थी। यहां तक कि मैं किसी पार्टी से भी खाली बोतलें लेकर आती थी। हालांकि कई लोग मेरा मजाक भी उड़ाते थे, लेकिन जब उन्होंने मेरे गार्डन में इसका उपयोग देखा, तो खुश होकर काफी तारीफ भी की।”
इसके अलावा, उन्होंने कई सजावटी सामान भी घर के बेकार समानों से ही बनाए हैं।
कोरोना के समय उन्होंने शांति थीम के साथ अपने गार्डन को सजाया था, जिसमें उन्होंने बुद्धा को ध्यान में रखकर डेकोरेशन किया था। वहीं, इस साल उनके गार्डन में एक शादी की झांकी बनी हुई है। कोरोना में उनका परिवार कहीं शादी में नहीं जा सका था, तो उन्होंने घर पर ही दूल्हे का घर और दुल्हन की डोली सजाई है। अच्छी बात तो यह है कि इन सबमें भी वेस्ट चीजों का ही उपयोग किया गया है।
दरअसल, मोनालिसा की सास बीमार रहती हैं और उनके बच्चे भी छोटे हैं, तो वह ज्यादा बाहर घूमने नहीं जा सकतीं। इसलिए उन्होंने अपने घर में एक अनोखा वातावरण तैयार किया है। जहां उनका पूरा समय कैसे गुजर जाता है पता ही नहीं चलता। वह कहती हैं, “इस गार्डन (Flower garden) की वजह से ही हमारा कोरोनाकाल बड़े आराम से गुजरा। घर के अंदर रंग-बिरंगे फूलों और हरियाली के बीच, लॉकडाउन का पता ही नहीं चला। बस इतना था कि कोई मेहमान नहीं आता था।”
वैसे मोनालिसा के गार्डन में इतने सुंदर फूल लगे हैं कि हर गुजरने वाला एक बार रुककर इसे देखता ज़रूर है। उन्होंने अपने घर के बाहर एक सुंदर सेल्फी प्वाइंट भी बनाया है। इस जगह पर पहले लोग अपने घर का कचरा लाकर फेंक देते थे। लेकिन उन्होंने यहां सुन्दर फूलों के पौधे (Flower garden) लगा दिए हैं, जहां आज कई लोग फोटो खिचवाने आते हैं।
यह कहना गलत नहीं होगा कि मोनालिसा का गार्डन देखकर किसी को भी जन्नत का एहसास हो जाएगा। आप उनके गार्डन के बारे में ज्यादा जानने के लिए उन्हें फेसबुक पर फॉलो कर सकते हैं।
हैप्पी गार्डनिंग!
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