Powered by

Latest Stories

HomeTags List mud house

mud house

शहर से आकर बंजर ज़मीन पर बनाया मिट्टी का घर, उगा दिया फूड फॉरेस्ट

आंध्र प्रदेश के श्री सत्य साईं जिले में सालों से बंजर पड़ी 13,900 स्क्वायर फीट की ज़मीन को बेंगलुरु के पुष्पा और किशन कल्याणपुर ने अपने बच्चों के साथ मिलकर केवल 3 महीने की कड़ी मेहनत और कोशिशों से न केवल उपजाऊ बना दिया, बल्कि यहाँ बनाया है 'वृक्षावनम' नाम का एक विशाल और सुन्दर फ़ूड फॉरेस्ट भी, जो आज उनके सस्टेनेबल घर की पहचान बन चुका है।

दो दोस्तों ने जंगल के बीच बनाए मिट्टी के घर व ट्री हाउस, सस्टेनेबल ट्रैवल को दे रहे बढ़ावा

पगडंडी सफारीज़ के को-फाउंडर्स मानव खंडूजा और श्यामेंद्र सिंघारे ने प्रकृति से लगाव और प्यार के चलते साल 1986 में मध्य प्रदेश के पन्ना नेशनल पार्क में कुछ टेंट्स लगाकर इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी और आज यह Pugdundee Safaris Camp एक या दो नहीं, बल्कि हरियाणा, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसी 7 अलग-अलग जगहों पर जगलों के बीचो बीच बने हैं।

सस्टेनेबल आर्किटेक्चर का बेहतरीन नमूना है मिट्टी, स्टील और रीसाइकल्ड लकड़ी से बना यह घर

आम घरों के मुकाबले 50% कम खर्च में तैयार हुआ है कोल्हापुर में बसा 'गौड़ देश' इको फ्रेंडली घर, जहां मौजूद हैं बायो गैस, मिट्टी का फ्रिज, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग जैसी सभी सस्टेनेबल सुविधाएं। सस्टेनेबल आर्किटेक्चर का यह बेहतरीन नमूना पर्यावरणविद् राहुल देशपांडे की पहल है, जिसे उन्होंने प्रकृति के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी को समझते हुए बनाया है।

100 साल पुराने बरगद के पेड़ के नीचे बना मिट्टी का होमस्टे, मुंबई वालों को मिली सुकून की जगह

By प्रीति टौंक

मुंबई से लगभग दो घंटे की दूरी पर वासुंडे गाँव में, 100 साल पुराने बरगद के पेड़ के नीचे बना एक इको-फ्रेंडली होमस्टे- बनयान ब्लिस। इसे बनाने के लिए 69 वर्षीय विनोद नायर ने अपनी पत्नी बीना नायर के साथ 15 साल पहले मुंबई का जीवन और नौकरी छोड़ दी थी।

'मिट्टी का घर हमेशा कच्चा नहीं होता' राजस्थान के इस फार्म हाउस को देखकर आपको यकीन हो जाएगा

राजस्थान के चित्तौड़गढ़ का जैन परिवार हमेशा से प्रकृति के बीच रहना और समय बिताना चाहता था। उनकी इस इच्छा को पूरी करने में उनका साथ दिया अर्किटेक्ट श्रेया श्रीवास्तव ने। उन्होंने एक ऐसा फार्म हाउस बनाया है जो इको-फ्रेंडली होने के साथ-साथ बेहद खूबसूरत भी है।

पुणे शहर के बीचों-बीच बना मिट्टी का दो मंज़िला घर, जिसे देखकर हर कोई रह जाता है दंग

By प्रीति टौंक

अन्वित ने जब साल 2018 में शहर के बीच में मिट्टी का घर बनाने के फैसला किया, तब लोगों ने कहा- ये पुरानी तकनीक है, आज के समय में ऐसे घर में कौन रहता है? लेकिन अब आस-पास से ही नहीं, बल्कि दूर-दूर से लोग मिट्टी के इस दो मंज़िला घर को देखने आते हैं।

कश्मीर का पहला इको विलेज, जहां हैं मिट्टी के घर, ऑर्गेनिक खेत और जीरो-वेस्ट लाइफ

By पूजा दास

कश्मीर के गांदरबल के रहनेवाले फैयाज अहमद डार ने घाटी में पहला और एकमात्र इको-विलेज बनाया है। फैयाज का मकसद सस्टेनेबल पर्यटन और घाटी की संस्कृति व विरासत को बढ़ावा देना है।

"IIT से ज़्यादा मुश्किल है मिट्टी का घर बनाना!" विदेश की नौकरी छोड़ गाँव में बस गया यह कपल

By प्रीति टौंक

उज्जैन से करीब 50 किमी दूर बड़नगर में बना एक नेचुरल फार्म स्टे- जीवंतिका को दो आईआईटी टॉपर्स साक्षी भाटिया और अर्पित माहेश्वरी ने अपने जीवन के अनुभवों से बनाया है।

कारीगरों ने छोड़ा काम फिर कैसे तैयार हुआ मिट्टी का यह होम स्टे, जहां आते हैं कई सेलिब्रिटी

By प्रीति टौंक

बेंगलुरु के राजीव बालाकृष्णन, आज से 10 साल पहले अपने एक दोस्त को कलरीपयट्टु स्कूल बनाने के लिए ज़मीन दिलाने गए थे, उसी समय उन्होंने खुद के लिए भी एक जमीन खरीदी। आज यह खूबसूरत औरा कलरी ईको फ्रेंडली होमस्टे आकर्षण का केंद्र बन गया है।

आधुनिकता और मजबूती में आज के आर्किटेक्चर को फेल करते हैं, दसवीं शताब्दी के मिट्टी के घर

By प्रीति टौंक

हिमालयन क्षेत्र में चलने वाली तेज हवा और जलवायु परिवर्तन से लेकर भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं के साथ, ताबो मठ ने कई तूफानों का सामना किया है। मिट्टी से बने ये सालों पुराने मठ सस्टेनेबल आर्किटेक्चर का उत्तम उदाहरण हैं।