मुंबई और पुणे जैसे शहरों में बतौर इंजीनियर काम करने वाले नरेंद्र पितले, नौ साल पहले शिलिम्ब गांव में आकर बस गए। यहाँ उन्होंने मिट्टी और रीसायकल चीजों से, मात्र दो लाख रूपये में एक इको फ्रेंडली घर तैयार कर लिया।
महाराष्ट्र के पालघर जिले के छोटे से गांव ऐनशेत में रोहन सुधीर ठाकरे ने खेतों के बीचो-बीच एक फार्मस्टे (farmstay near mumbai) बनवाया है। यहां लोग खेतों में रहते हुए गांव के जीवन का मज़ा ले सकते हैं।
पेशे से पत्रकार अंकित अरोड़ा साइकिल से पिछले चार साल में भारत के 15 राज्यों की यात्रा की है। इस दौरान वह 600 परिवारों के साथ रहे हैं। यात्रा से मिले अनुभव से अब वह एक सस्टेनेबल गांव का मॉडल बना रहे हैं।
पुणे के आर्किटेक्ट दम्पति, सागर शिरुडे और युगा आखरे पर्यावरण ने प्राकृतिक और स्थानीय वस्तुओं से चार महीने में तैयार किया अपने लिए दो मंजिला मिट्टी का घर।
केरल के कुन्नुर के रहनेवाले अजी आनंद ने अपने 112 गज की जमीन पर खुद से एक ईको फ्रेंडली घर तैयार किया है। इसके लिए न तो उन्होंने किसी आर्किटेक्ट की मदद ली और न ही किसी मिस्त्री या मजदूर की।