31 वर्षीय बकुल खेतकडे एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं, उन्होंने अपनी IT नौकरी से ब्रेक लिया और शौक के लिए Mandala Art बनाना सीखा। आज उनकी वही कला, उनका काम बन चुकी है, जिसे वह बड़ी ख़ुशी से कर रही हैं।
श्रीनगर में रहनेवाली 25 वर्षीया इंजीनियर, महक परवेज़ ने पिछले साल लॉकडाउन के दौरान, घर पर ही तरह-तरह की डिज़ाइनर मोमबत्तियां बनाना शुरू किया था। अब अपनी बनाई मोमबत्ती को वह ‘shamaaque_by_mehak’ के जरिए ग्राहकों तक पहुंचा रही हैं।
मुंबई की रुक्मिणी ने 2018 में अपने फ़ूड स्टार्टअप ‘द ग्रोइंग जिराफ़’ की शुरुआत बच्चों के पोषण को ध्यान में रख कर की थी। आज, उनके बनाये रागी, पीनट बटर जैसे सुपर फूड से बनी कुकीज़ और बार, बच्चों के साथ-साथ, बड़ो की भी पसंद बन चुके हैं।
पुणे के रहने वाले इंजीनियर और अब एक ‘अर्बन किसान’ समीर, पिछले 5 सालों से अपनी छत पर ‘एक्वापोनिक्स’ तरीके से 63 किस्म की सब्ज़ियां उगा रहे हैं। जिनमें टमाटर, पालक, पुदीना, खीरा, मक्का, स्टीविया और कद्दू शामिल हैं।