धनबाद में कोल इंडिया के क्वार्टर में रहनेवाली नेहा कच्छप बचपन से ही पौधों के बीच पली-बढ़ीं। नेहा को शादी के बाद, हरियाली की कमी हमेशा खलती थी। लेकिन उन्होंने शिकायत करने के बजाय, माइनिंग एरिया में भी सैकड़ों पौधे लगाकर, कई लोगों को चौंका दिया।
मुंबई के कल्पेश और उनकी पत्नी सरिता कापसे ने, लॉकडाउन के दौरान गांव में रहकर गार्डनिंग करने के साथ-साथ एक सुंदर DIY गार्डन भी तैयार किया, जहां बैठकर वह वर्क फॉर्म होम करते हैं।
सूरत की रहनेवाली 42 वर्षीया मीनलपंड्या का गार्डनिंग से लगाव लॉकडाउन के दौरान ही बढ़ा। घर में रहते हुए, उन्होंने ऑनलाइन गार्डनिंग सीखी और घर की चीजों से ही एक किचन गार्डन तैयार कर लिया।
मिलिए पटना के 88 वर्षीय कृपा शरण से, जिनके जीवन का अटूट हिस्सा है पेड़-पौधे। पेशे से कलाकार होने का कारण, उन्होंने अपने बगीचे को कुछ ऐसा सजाया है कि दूर-दूर से लोग इसे देखने आते हैं।