सभी सब्जियों की अपनी अलग प्रकृति होती है। इन्हें उगाने और कटाई करने का समय भी अलग-अलग होता है। कुछ सब्जियां ठंड के मौसम में अच्छी उगती हैं, तो कुछ गर्मियों में। मार्च के आते ही सर्दियों का मौसम भी लगभग चला ही गया है और गर्मियां शुरू हो गई हैं। इस मौसम में ज्यादातर लोग नई सब्जियां लगाने की तैयारी करते हैं।
यह समय, गार्डन को नए फल-सब्जियों की बुआई के लिए तैयार करने का होता है। इसके लिए गमलों, ग्रो बैग्स और क्यारियों की मिट्टी की खुदाई कर, उसे बाहर निकालते हैं और एक-दो दिन धूप में रखा जाता है। इसके बाद, इसमें गोबर की खाद, नीमखली, घर पर बनाई जैविक कचरे की खाद आदि थोड़ी-थोड़ी मात्रा में मिलाकर, नई मिट्टी तैयार की जाती है।
फिर इस मिट्टी को गमलों, ग्रो बैग्स या क्यारियों में भरकर, फल-सब्जियों के बीज और पौधे लगाए जाते हैं। सूरत में गार्डनिंग करनेवाली अनुपमा देसाई का कहना है कि आप इस समय शिमला मिर्च, अरबी, पेठा, करेला जैसी सब्जियां अपने गार्डन में आराम से लगा सकते हैं।
तो चलिए जानें उनसे इन सब्जियों को लगाने का सही तरीका।
1. पेठा (Ash Gourd)– सफेद पेठा बाहर से हरा और अंदर से सफेद होता है और इसे कई अलग-अलग नामों से जाना जाता है। जैसे एश गॉर्ड, विंटर मेलन या वैक्स गॉर्ड। किसी बीज भंडार से या ऑनलाइन भी आप इसके बीज खरीद सकते हैं। सफेद पेठा बेल पर लगता है, इसलिए आपको इसे बड़े आकार के गमले या बड़े आकर के ग्रो बैग में लगाना चाहिए, ताकि बेल की जड़ों को विकसित होने के लिए अच्छी जगह मिले। बीजों को सबसे पहले आप 10-12 घंटों के लिए भिगोकर रख दें। इसके बाद इन्हें बोयें।
- सबसे पहले छोटे गमले या सीडलिंग ट्रे में मिट्टी और कोकोपीट मिलाकर भरें।
- अब इसमें बीज लगा दें और ऊपर से पानी दें।
- लगभग एक हफ्ते या 10 दिनों में बीज अंकुरित होकर बढ़ने लगते हैं।
- दो हफ्तों में पौधे इतने बड़े हो जायेंगे कि आप इन्हें बड़े गमले या ग्रो बैग में लगा सकते हैं।
- आप एक बैग में दो या तीन पौधे बराबर दूरी पर लगा सकते हैं।
- बेल को बढ़ने के लिए अच्छी धूप की जरूरत होगी और साथ ही, किसी बांस या रस्सी के सहारे की भी। इसलिए आप ग्रो बैग में कोई लकड़ी या बांस लगा सकते हैं और इसके ऊपर रस्सियां बांध सकते हैं।
- पौधों को लगाने के लगभग एक महीने बाद से आप इन्हें खाद देना शुरू कर सकते हैं। बीच-बीच में सरसों की खली का पानी, प्याज के छिलकों का पानी, केले के छिलकों का पानी भी पौधों को दे सकते हैं। इसके अलावा, कीटों से पौधों को बचाने के लिए महीने में दो बार नीम के तेल को पानी में मिलाकर स्प्रे भी कर सकते हैं।
- जब आपकी बेल 6-7 फीट की हो जाए तो इसके ऊपर सिरे को हल्का सा काट देना चाहिए। कुछ दिनों बाद, जहां से आपने बेल को काटा है वहां से दो अलग-अलग शाखाओं में बेल बढ़ने लगती है और कुछ समय बाद, इन दोनों शाखाओं को ऊपर से काट दें।
- लगभग दो महीने में इन शाखाओं पर नर और मादा फूल आने लगते हैं।
- अगर आपके फूलों में प्राकृतिक रूप से पॉलीनेशन हो रहा है, तो अच्छी बात है। नहीं तो आप खुद भी हाथ से पॉलीनेशन कर सकते हैं।
- लगभग तीन महीने बाद आपके बेल पर लगे सफ़ेद पेठे हार्वेस्टिंग के लिए तैयार हो जायेंगे।
2. शिमला मिर्च

शिमला मिर्च का पौधा आप आराम से घर के बीजों से ही लगा सकते हैं। आप बाजार से लाई हुई शिमला मिर्च के बीज को हल्दी के पानी की कोटिंग करके, धूप में सुखाकर बीज तैयार करें।
- सबसे पहले मिट्टी भरकर एक बड़ा ग्रो बैग या गमला तैयार करें।
- इसके बाद इसके सैपलिंग तैयार करें।
- एक इंच तक मिट्टी डालकर गमले को भरें। आप 50% सामान्य मिट्टी और बाकि 50% कोकोपीट और कम्पोस्ट का मिश्रण लें।
- फिर शिमला मिर्च के बीज डालें, उसके बाद ऊपर से मिट्टी डालकर बीजों को ढंक दें।
- कुछ दिनों तक थोड़े-थोड़े पानी का छिड़काव करते रहें।
- तकरीबन 10 दिनों के बाद आपको अंकुर आते दिखेंगे।
- जब पौधे की लंबाई लगभग एक इंच हो जाए, तब पौधे को गमले में प्लांट कर दें।
- एक गमले में केवल एक पौधा लगाएं। अगर गमले में एक से ज़्यादा पौधे होंगे, तो शिमला मिर्च का उत्पादन कम होगा।
3.अरबी
अरबी को भी आप गमलों में उगा सकते हैं और वह भी बाजार से लाई हुई अरबी से ही। इसके लिए, आपको अरबी की वह गांठे लेनी हैं, जिनमें बड निकली हुई हो।
- इसके लिए आप लगभग 16 इंच का गमला लें और गमले की चौड़ाई अच्छी हो तो बेहतर रहेगा।
- पॉटिंग मिक्स बनाने के लिए आप सामान्य मिट्टी में रेत और खाद मिला लें।
- अब आप गमलों में बराबर दूरी पर अरबी की बड वाली गांठे लगा दें और ऊपर से पानी दें।
- अरबी एक कंद (जड़ वाली सब्जी) है इसलिए, ध्यान रखें कि गमले में पानी बहुत ज्यादा न हो।
- अरबी को पनपने में लगभग एक महीने का समय लगता है।
- आप नियमित तौर पर पानी, धूप और खाद का खास ख्याल रखें।
- लगभग पाँच महीने में अरबी की फसल तैयार हो जाती है।
‘करेला’ बेल पर लगने वाली सब्जी है। अगर आप चाहें, तो पहले करेले की पौध तैयार कर सकते हैं। इसके लिए, आप कोई भी प्लास्टिक का छोटा गिलास या छोटा गमला इस्तेमाल कर सकते हैं।
- इसमें पॉटिंग मिक्स भर कर, आप करेले के बीज लगा दीजिये।
- बीज लगाने के बाद, इसमें पानी दीजिये और इसे किसी ऐसी जगह रखिये, जहां सीधी धूप न आती हो।
- लगभग एक हफ्ते में जब आपके बीज अंकुरित हो जाएं, तब आप इन्हें सीधा धूप में रख सकते हैं।
- नियमित रूप से पानी देते रहें। लगभग 25 दिनों में आपके पौधे ट्रांसप्लांट करने के लिए तैयार हो जाएंगे।
- अब आप 15 से 18 इंच के गमले में इन पौधों को लगा सकते हैं। पॉटिंग मिक्स के लिए आप बराबर मात्रा में मिट्टी, रेत और गोबर की खाद मिलाएं।
- पौधों को गमलों में लगाने के बाद, इन्हें लगभग 5 से 7 दिन तक ऐसी जगह रखें, जहां सीधी धूप न आती हो। नियमित तौर पर जरूरत के हिसाब से पानी दें और एक हफ्ते बाद, गमलों को धूप में रख दें।
- पौधे लगाने के लगभग एक से डेढ़ महीने बाद, आप इनमें पानी के साथ-साथ खाद भी डालना शुरू करें। 35 से 40 दिनों में करेले की बेल पर फूल आने लगते हैं। फूल आने के बाद, आप खाद की मात्रा कम कर सकते हैं।
- लगभग 60 से 70 दिनों में आपके करेले हार्वेस्टिंग के लिए तैयार हो जायेंगे।
हैप्पी गार्डनिंग!
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