सूरत की प्रोफेसर डॉ. रेखा मिस्त्री के घर में सालों पहले बस कुछ फूल के ही पौधे थे। लेकिन साल 2016 में उन्होंने टेरेस गार्डनिंग (Terrace Gardening) की शुरुआत की और आज वह अपनी 410 स्क्वायर फ़ीट की छत में 13 औषधीय पौधे, 10 सजावटी पौधे, 10 फलदार पौधे और 12 तरह की सब्जियां उगा रहीं हैं।
रांची में सरकारी क्वार्टर में रहने वाली दीपिका लकड़ा को गार्डनिंग से खास लगाव है। वह कई तरह के सजावटी पौधे उगा रही हैं और साथ ही एक नर्सरी भी चला रहीं हैं।
सूरत की जागृति पटेल ने तीन साल पहले जब अपना घर बनवाया, तो उन्हें छत पर सब्जियां उगाने का ख्याल आया। उन्होंने टेरेस गार्डनिंग का कोर्स किया और शुरू हो गईं। आज वह तक़रीबन सभी सब्जियां घर पर ही उगा लेती हैं।
88 वर्षीय पद्माकर फरसोले, 30 सालों से बागवानी कर रहे हैं। वह घर पर ही कम्पोस्ट बनाकर जैविक फल-सब्जियां उगाते हैं और इसे ही वह अपने अच्छे स्वास्थ्य का कारण भी मानते हैं।
हर घर में खाया जाने वाला, सुपर फूड केला हमारे स्वास्थ्य के लिए तो अच्छा है ही, इसके छिलके भी कम गुणकारी नहीं हैं। केले के छिलके से बनाई गई खाद, पौधों के विकास के लिए बहुत अच्छी होती है। चलिए जानें, क्या है इसे बनाने और इस्तेमाल करने का तरीका।
मेरठ की सुमिता सिंह जब भी अपने बचपन को याद करतीं, उन्हें असम की हरियाली याद आती। पर यहाँ न आँगन था, न छत! फिर क्या, उन्होंने अपनी छोटी सी बालकनी में ही 300 से ज़्यादा पौधे लगा दिए। आप भी लीजिए उनसे बागवानी के कुछ टिप्स।