केरल की मिनी श्रीकुमार एक गृहिणी हैं और उन्हें गार्डनिंग से बेहद लगाव है। लेकिन उनके पास न छत है, न कोई बालकनी। जानिए कैसे वह अपने घर के आस-पास की जगह में 50 तरह की सब्जियां उगाती हैं।
मिलिए नोएडा के रहनेवाले अक्षय भटनागर से जो पेशे से एक कंप्यूटर इंजीनियर हैं, और काम में काफ़ी बिज़ी होने के बावजूद भी गार्डनिंग के लिए समय निकाल ही लेते हैं। उनके घर की हरियाली देखकर हर कोई चौक जाता है।
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ का जैन परिवार हमेशा से प्रकृति के बीच रहना और समय बिताना चाहता था। उनकी इस इच्छा को पूरी करने में उनका साथ दिया अर्किटेक्ट श्रेया श्रीवास्तव ने। उन्होंने एक ऐसा फार्म हाउस बनाया है जो इको-फ्रेंडली होने के साथ-साथ बेहद खूबसूरत भी है।
दिल्ली की एक आईटी कंपनी में काम करने वाले अमित मेहता ने एक अनोखा कदम उठाते हुए अपने अपार्टमेंट की छत पर सोलर पैनल लगाया है। । मात्र एक साल में ही अमित, सोलर पैनल को फिक्स्ड डिपॉजिट से ज़्यादा फ़ायदेमंद मानने लगे और अब दूसरों को भी सोलर से जुड़ने की सलाह देते हैं।
मुज़फ्फरनगर (उत्तरप्रदेश) के प्रशांत शर्मा को अपनी दादी और पापा से गार्डनिंग का शौक़ मिला था। आज उनके घर में विदेशी किस्मों के कई फूल खिलते हैं, रेल लिली का उनके पास जो कलेक्शन है, वह तो शायद ही किसी के पास होगा।
नवसारी (गुजरात) के डूंगरी गांव में बना, रिटायर्ड इंजीनियर सुरेशचंद्र पटेल का घर किसी फार्म हाउस से कम नहीं है। उनका पूरा परिवार साथ मिलकर 8000 से ज्यादा पौधों की देखभाल करता है।
सात साल पहले एक दो फूल के पौधे लगाने के बाद खंडवा, मध्यप्रदेश के मुकेश काले को प्रकृति से ऐसा प्यार हुआ कि उन्होंने अपने घर की छत पर ही सुन्दर गार्डन बना लिया, जहां वह सुकून से समय बिताते हैं।
आर्मी से रिटायर होने के बाद, खगरिया (बिहार) के जितेंद्र कुमार ने गार्डनिंग को अपना ज्यादा समय देना शुरू किया। उनके गार्डन की सुंदरता का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि मात्र एक हफ्ते पहले ही उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने गार्डन की फोटोज़ डालीं, जिसे 17 हजार से ज्यादा लोगों ने पसंद किया।