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चिड़िया का टूटा घोंसला और अंडा देख शुरू की मुहिम, 6 सालों में उगाए 55 जंगल!

By निशा डागर

हाल ही में, उन्होंने पुलवामा शहीद वन भी तैयार किया है, जहां 40 शहीदों के नाम पर 40 हज़ार पेड़ लगाए गए हैं!

भारत में क्यों बढ़ रहा है टिड्डों का झुंड? जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

By पूजा दास

टिड्डों का झुंड एक दिन में 35,000 लोगों का खाना खा सकता है। कोरोनावायरस के बीच यह स्थिति वास्तव में भयावह है, लेकिन फौरन कुछ कार्रवाई करके इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

अहमदाबाद पुलिस को गर्मी से राहत दिलाएगा, 23 साल के छात्र का बनाया हुआ यह सोलर छाता!

By पूजा दास

"इस कठिन दौर में हम सभी की सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मी अपने परिवार से दूर रहते हैं, वे लगातार काम कर रहे हैं। तपती गर्मी में वे सड़क पर हैं, यह जानलेवा भी हो सकता है। हमारे शहर में पहले भी ऐसी घटनाएं हुई हैं। लॉकडाउन ने सभी को एकजुट किया है और सब एक-दूसरे की मदद भी कर रहे हैं। एक इंजीनियरिंग छात्र के रूप में, यह मेरा योगदान है।”

सूरत के 26,000 घरों से 5 अतिरिक्त रोटियां मिटा रही हैं हज़ारों प्रवासियों की भूख!

By पूजा दास

लॉकडाउन के कारण, भोजन और पैसे की कमी झेल रहे लाखों प्रवासी श्रमिक अपने परिवार से दूर कहीं और फंसे हुए हैं। ऐसे में सूरत का एक एनजीओ एक अलग और अनोखे तरीके से उनकी मदद के लिए सामने आया है। आईए जानते हैं कैसे।

पुराने टायर्स से बना रही हैं गरीब बच्चों के लिए प्ले स्टेशन, 20 स्कूलों में किया प्रोजेक्ट

By निशा डागर

अनुया के इस काम कि शुरूआत एक आंगनवाड़ी में टायर से बना झूला देने से हुई थी और आज वह बच्चों के पूरे प्ले स्टेशन पुराने टायर्स और अन्य बेकार की चीजों से बना रही हैं!

कभी स्कूल में हुई थीं फेल, फिर पहले ही प्रयास में की UPSC की परीक्षा पास!

22 साल की उम्र में अंजू शर्मा ने अपने पहले प्रयास में ही UPSC की परीक्षा पास करके सबको बता दिया कि कोई भी असफलता आपको आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती है!

आधी लागत पर मिट्टी और वेस्ट से बनी ये इमारतें हैं ज्यादा सस्ती और ठंडी

By पूजा दास

लाल मिट्टी की टाइल्स, दोबारा इस्तेमाल की जाने वाली निर्माण सामग्री, टूटे हुए पुराने टाइल्स, थर्माकोल, डंप यार्ड से रिसायकल करने वाली चीजें, टिन के ढक्कन आदि को नया रूप देकर मनोज पटेल पूरे घर को इको-फ्रेंडली और पारंपरिक तरीके से डिज़ाइन करते हैं जिससे उनकी लागत कम हो जाती है।

यह युवती बांस से बना रही है इको-फ्रेंडली ज्वेलरी, तिगुनी हुई आदिवासी परिवारों की आय!

By निशा डागर

साल 2011 की एक रिपोर्ट के अनुसार डांग आर्थिक तौर पर भारत का सबसे पिछड़ा हुआ जिला था, पर सलोनी के यहाँ आने के बाद से बदलाव की शुरुआत हो चुकी है।

#हमराही: रिटायरमेंट के बाद झुग्गी के बच्चों की उठाई ज़िम्मेदारी, 15 साल बाद कोई सीए है तो कोई इंजीनियर!

By मानबी कटोच

हम रिटायरमेंट को अक्सर हर काम का अंत समझते हैं, पर यह तो एक सुनहरा अवसर है, जहाँ हमें अपनी मर्ज़ी का काम करके व्यस्त रहने के लिए ढेर सारा समय मिलता है।

बेटी के जन्म के बाद बनीं डॉक्टर, कंगना के पंगे से कम नहीं था संघर्षों से इनका 'पंगा'!

फिल्म देखने के दौरान निधि को लगा मानो जैसे सारे किरदार एकदम से जीवंत हो उठे हो और उनकी कहानी के इर्द-गिर्द घूमने लगे हो।