सस्टेनेबिलिटी, पारम्परिक आर्किटेक्चर और लोकल कारीगरी का एक दुर्लभ नमूना है राजस्थान के अलवर शहर में बना यह मिट्टी का घर, जो Mud Kothi के नाम से मशहूर है। Sketch Design Studio की फाउंडर और युवा डिज़ाइनर शिप्रा सिंघानिया सांघी ने इसे बनाया है।
बेंगलुरु के बाहरी इलाके कागलीपुरा में 8,000 sq.ft ज़मीन पर बने इस घर का नाम है- ‘Breathe’. जैसा नाम वैसा ही काम; यह सस्टेनेबल घर अपने अनोखे डिज़ाइन के कारण आम घरों के मुकाबले काफ़ी खुला, हवादार और सुकून भरा है।
आंध्र प्रदेश के श्री सत्य साईं जिले में सालों से बंजर पड़ी 13,900 स्क्वायर फीट की ज़मीन को बेंगलुरु के पुष्पा और किशन कल्याणपुर ने अपने बच्चों के साथ मिलकर केवल 3 महीने की कड़ी मेहनत और कोशिशों से न केवल उपजाऊ बना दिया, बल्कि यहाँ बनाया है 'वृक्षावनम' नाम का एक विशाल और सुन्दर फ़ूड फॉरेस्ट भी, जो आज उनके सस्टेनेबल घर की पहचान बन चुका है।
प्राकृतिक और रीसाइकल्ड चीज़ों से बना 'द गली होम' ख़ास इसलिए भी है, क्योंकि इसे इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि एक तरफ़ तो कोई शांत समुद्र के खूबसूरत नज़ारों के मज़े ले सकता है; वहीँ दूसरी तरफ़ चेन्नई की गलियों की आम चहल-पहल भी देखी जा सकती है।
मनाली से 8 Km दूर कन्याल गांव में बना 'जंगल हट' हिमाचल आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। बड़े-बड़े आलिशान और सुविधाजनक होटल छोड़कर लोग इंजीनियर अतुल बोस के इस मिट्टी, पत्थर और लकड़ी से बने होमस्टे में ठहरने आते हैं, जहाँ उन्हें प्रकृति के बीच रहने और सस्टेनेबल लिविंग का अनुभव मिलता है।
आम घरों के मुकाबले 50% कम खर्च में तैयार हुआ है कोल्हापुर में बसा 'गौड़ देश' इको फ्रेंडली घर, जहां मौजूद हैं बायो गैस, मिट्टी का फ्रिज, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग जैसी सभी सस्टेनेबल सुविधाएं। सस्टेनेबल आर्किटेक्चर का यह बेहतरीन नमूना पर्यावरणविद् राहुल देशपांडे की पहल है, जिसे उन्होंने प्रकृति के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी को समझते हुए बनाया है।
दिल्ली के 25 वर्षीय श्रेय गुप्ता ने अपनी फर्म 'ब्लू बुक होटल्स' के ज़रिए नैनीताल के गेठिया में, प्रकृति के बीच एक ऐसा लग्जरी होटल बनाया है, जहाँ जाकर आप बर्फ से ढके पहाड़ों के बीच रह सकते हैं और खूबसूरत नज़ारों का आनंद ले सकते हैं। इसके अलावा, ब्रिटिश एरा के बंगले को बदलकर बनाया गया यह होटल अपने मेहमानों को पुराने ज़माने की फील देता है।
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ का जैन परिवार हमेशा से प्रकृति के बीच रहना और समय बिताना चाहता था। उनकी इस इच्छा को पूरी करने में उनका साथ दिया अर्किटेक्ट श्रेया श्रीवास्तव ने। उन्होंने एक ऐसा फार्म हाउस बनाया है जो इको-फ्रेंडली होने के साथ-साथ बेहद खूबसूरत भी है।
वाणी कन्नन और उनके पति बालाजी 16 साल से इंग्लैंड में रह रहे थे, लेकिन जब उनका पहला बच्चा हुआ, तो उन्होंने उसे भारतीय संस्कृति के बीच पालने का फैसला किया और भारत लौट आए। यहां आने के बाद उन्होंने इको-फ्रेंड्ली, मिट्टी का घर बनाने का फैसला किया।