यह घर है गुजरात के प्रगतिशील पशुपालक रमेश भाई का, जो गोंडल के पास वोरा कोटडा गांव में उनके खेत के बीच बसा हुआ है। यह घर देशी गाय का गोबर, नदियों के जल और और बिना सीमेंट के केवल प्राकृतिक चीज़ों से ही बना है, जो इसे बेहद खूबसूरत और सस्टेनेबल बनाते हैं।
पेड़-पौधे, पशु-पक्षी, जड़ी-बूटी, जैविक भोजन, सोलर पैनल.. राजस्थान के सीकर शहर में एक किसान का बनाया यह सस्टेनेबल फार्मस्टे ‘जोर की ढाणी’ अपने मेहमानों को एक अलग ही अनुभव देता है।
चूना, लाल मिट्टी, गाय के गोबर और भूसे जैसी चीज़ों से किए गए प्लास्टर और पुरानी मिट्टी से बनी छत तमिलनाडु के सस्टेनेबल होमस्टे 'मुथु नंदिनी पैलेस' को एक अलग लुक और एहसास देते हैं। काफ़ी गर्मी में भी इस होमस्टे का तापमान अंदर से ठंडा बना रहता है।
पीपल के एक बड़े और पुराने पेड़ के पास बसा है 7000 sqft में बना ‘अश्वत्थ'.. इसी वृक्ष से घर को अपना यह नाम भी मिला है। दिल्ली की आर्किटेक्चरल कंपनी Archiopteryx ने सदियों पुरानी पारम्परिक तकनीक से इसे बनाया है, जो हर मायने में सस्टेनेबल और ईको-फ्रेंडली है।
आपने कंक्रीट के बने हुए मकान बहुत देखे होंगे, लेकिन क्या कभी देसी गाय के गोबर से बना हुआ घर देखा है? पंजाब के लुधियाना शहर में डॉ. वीरेंदर सिंह भुल्लर ने बनाया है ऑर्गेनिक व इको-फ्रेंडली आशियाना। यह देखने में बिलकुल देसी, मजबूती में बेमिसाल और गुणों से भरपूर है।
हम सबका सपना होता है अपना एक घर बनाना! लेकिन हर नेचर लवर सिर्फ़ मकान नहीं, बल्कि ऐसा अनोखा घर बनाना चाहता है जो पर्यावरण के अनुकूल हो। ये ऐसे ही कुछ लोगों के बनाए ग्रीन और इको-फ्रेंडली होम हैं, जो अपनी बनावट और लाइफस्टाइल के ज़रिए सस्टेनेबल तरीके से जीना सिखाते हैं।
जंगल के बीच नीलगिरी की खूबसूरत वादियों में बना 'जंगल हट' होमस्टे 1986 से मेहमानों का स्वागत कर रहा है। प्रकृति के बीच रहने के अलावा यहाँ ट्रेकिंग, जंगल सफारी और बर्ड वाचिंग जैसी एक्टिविटीज़ करने भारत के अलग-अलग हिस्सों से लोग ठहरने आते हैं।
#SustainableTourism को बढ़ावा देते हुए काम करने वाला मनोज शर्मा का स्टार्टअप #NotOnMap, 200 साल पुराने पुश्तैनी घर को Sustainable Homestay में बदलकर भारत के गाँवों की संस्कृति को लोगों तक पहुंचा रहा है।