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पूरी दुनिया घूम चुका यह शेफ, मुंबई की सड़कों पर बेचता है फाइव-स्टार बिरयानी, जानिए क्यों

मुंबई के अक्षय पारकर पहले इंटरनेशनल क्रूज में बतौर शेफ नौकरी कर चुके हैं, लेकिन कोरोना महामारी के कारण उनकी नौकरी छिन गई। अचानक अपनी नौकरी छिन जाने के कारण, वह काफी हताश हो गए। लेकिन, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और खुद का वेंचर “5 स्टार बिरयानी” शुरू करने का फैसला किया।

जंगल को आग से बचाने के लिए अनोखी पहल, चीड़ के काँटों से बना दिया बायोडिग्रेडेबल फेस शील्ड

जंगल में आग की समस्या को देखते हुए अभिनव ने अपने साथी, मैत्री वी के साथ मिलकर अपने वेंचर वाशिन कम्पोजिट्स के तहत, चीड़ के काँटों से अब तक बायोडिग्रेडेबल फेस शील्ड, चम्मच, मग से लेकर प्लेट्स, बाउल्स और ग्लास जैसी कई अविश्वसनीय उत्पादों को बना दिया। आज उनके उत्पादों की माँग पूरे देश में है।

क्या आपको प्लाज्मा डोनर की ज़रूरत है? IIT छात्रों और AIIMS के डॉक्टरों ने निकाला हल

By निशा डागर

IIT के कुछ छात्रों और AIIMS के डॉक्टरों ने मिलकर COPAL 19 प्लेटफार्म तैयार किया है ताकि समय रहते ज़रूरतमंद कोविड-19 के मरीज़ों को प्लाज्मा डोनर्स से जोड़ा जा सके!

झारखंड: 'ऑनलाइन' नहीं 'ऑन वॉल' चलती है इस प्रेरक शिक्षक की पाठशाला

झारखंड के इस गाँव के बच्चों के पास शहरी बच्चों की तरह न स्मार्ट फोन था न इंटरनेट, ऐसे में उनके प्रिंसिपल डॉ. सपन कुमार ने यह कदम न उठाया होता तो शायद वे शिक्षा से वंचित ही रह जाते।

Salute Teachers! स्मार्टफोन, इंटरनेट के अभाव में भी इन शिक्षकों ने नहीं रुकने दी शिक्षा

By निशा डागर

आज उन शिक्षकों को एक सलाम ज़रूर करें, जिनकी कोशिशों ने इस मुश्किल वक़्त में भी छात्रों को शिक्षा से जोड़े रखा!

IIT मद्रास के पुर्व छात्र ने बनाया अनोखा अस्पताल, फोल्ड करके कहीं भी ले जा सकते हैं

By निशा डागर

“किसी भी महामारी से लड़ने के लिए ज़रूरी है कि हमारे पास बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं हों। शहरों में तो फिर भी यह सुविधा है लेकिन गांवों में नहीं।” - श्रीराम रविचंद्रन

होटल की नौकरी छूटी तो लौटे गाँव, मिट्टी का ओवन बनाकर शुरू किया अपना पिज़्ज़ा आउटलेट!

By निशा डागर

"हाथ पर हाथ रखकर बैठने से स्थिति काबू में नहीं आएगी। हमें खुद कुछ करना होगा, इसलिए उठें और आज ही अपने आइडिया पर काम करें!"

वैश्विक महामारी पार्ट 4: बीती शताब्दियों की महामारियों का सबक!

By अलका कौशिक

मौजूदा समय में फिर वैश्विक महामारी से गुजर रही दुनिया एक और घातक वायरस के खिलाफ जंग लड़ रही है। बीती शताब्दियों की महामारियों और उनसे उपजी तबाहियों के सबक हमारे सामने हैं, वही तो गर्दिश के इस दौर की नज़ीर हैं।

वैश्विक महामारी पार्ट 3: कहाँ से हुई थी क्‍वारंटाइन की शुरुआत?

By अलका कौशिक

इतिहास में ऐसे कई वाकयात मिलते हैं जब महामारियों पर अंकुश लगाने के लिए संक्रमितों को स्‍वस्‍थ लोगों से अलग-थलग रखा जाता था। बेशक, मध्‍यकालीन यूरोप में स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों को बैक्‍टीरिया या वायरस की जानकारी नहीं थी लेकिन वे इतना समझते थे कि रोगी को शेष स्‍वस्‍थ आबादी से अलग रखकर, या कारोबारी के जरिए आने वाली वस्‍तुओं को नहीं छूने से रोगों से बचा जा सकता है।