"इस क्षेत्र में काम करने का सबसे चुनौतीपूर्ण पहलू था उनको विश्वास दिलाना कि मैं सच में एक डॉक्टर हूँ और दूसरा ब्रेन हमरेज के रोगियों का इलाज करना वो भी जगह व बिजली जैसी मूल सुविधा के बिना।"
राहुल ने अपने इलाज के दौरान 'योद्धाज़' की नींव रखी ताकि देश भर में कैंसर से जूझ रहे लोग आपस में बात कर सकें, अपना दर्द बाँट सकें और एक-दूसरे की ताकत बन सकें!