नवी मुंबई नगर निगम के नागरिक प्रमुख अभिजीत बांगर ने नवी मुंबई में एक डंपयार्ड को हरे-भरे जंगल में बदल दिया है। 3 एकड़ में फैला यह मिनी जंगल न केवल लोगों को शुद्ध हवा दे रहा है, बल्कि कई तरह के सांप, तितलियों, पक्षियों सहित कई तरह के जीव-जंतु को आकर्षित भी कर रहा है।
108 घंटे तक सात घरों के मलबे में दबी 18 महीने की पिन्नी को उसके अपने माता-पिता ने भी मरा हुआ मान लिया था, लेकिन लेफ्टिनेंट कर्नल सुमीत बक्सी के साहस ने उस बच्ची को कैसे एक नया जीवन दिया, पढ़ें दिल छू जाने वाली यह कहानी!
पुणे के रहने वाले प्रवीण, जंगली बेर और बोरा को बचाने के प्रयास में जुटे हैं। वह पिछले कई सालों में रंग, स्वाद, फायदे और पौधों की पैदावार के आधार पर कई किस्मों की खोजबीन में लगे हैं।
IRS डॉ. उज्ज्वल चव्हाण ने अपने गाँव में एक किसान की आत्महत्या से आहत हो, इसे जलसंकट से उबारने का फैसला किया। उनकी कोशिश की वजह से आज 16 गाँव के 30 हजार से अधिक किसानों को लाभ मिल रहा है।
पुणे के रहने वाले शिवाजी कांबले, कर्ज में डूबे हुए थे। उनके पास इतने पैसे भी नहीं बचे थे कि वह अपने माता-पिता को ठीक से खाना खिला सकें। ऐसे में वह उन्हें किसी तीर्थ स्थल पर छोड़ने चले गए। इसी क्रम किसी ने उसका वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। उसके बाद जो कुछ भी हुआ, उससे उनकी जिंदगी बदल गई।
ग्लोबल टीचर पुरस्कार से सम्मानित दिसाले साल 2016 में उस वक्त भी सुर्खियों में थे, जब उन्होंने स्कूल की पाठ्यपुस्तकों को लेकर, एक क्यूआर कोड प्रणाली की शुरुआत की थी, जिसे कई राज्यों द्वारा अपनाया गया था।