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पहले नागपुर फिर नवी मुंबई! IAS अफसर ने डंपयार्ड को मिनी जंगल बना, शहर को दी ताज़ी सांसें

By पूजा दास

नवी मुंबई नगर निगम के नागरिक प्रमुख अभिजीत बांगर ने नवी मुंबई में एक डंपयार्ड को हरे-भरे जंगल में बदल दिया है। 3 एकड़ में फैला यह मिनी जंगल न केवल लोगों को शुद्ध हवा दे रहा है, बल्कि कई तरह के सांप, तितलियों, पक्षियों सहित कई तरह के जीव-जंतु को आकर्षित भी कर रहा है।

Latur Earthquake: जब 25 साल बाद रेस्क्यू की गयी बच्ची से मिला यह सेना का जवान

By अर्चना दूबे

108 घंटे तक सात घरों के मलबे में दबी 18 महीने की पिन्नी को उसके अपने माता-पिता ने भी मरा हुआ मान लिया था, लेकिन लेफ्टिनेंट कर्नल सुमीत बक्सी के साहस ने उस बच्ची को कैसे एक नया जीवन दिया, पढ़ें दिल छू जाने वाली यह कहानी!

याद हैं ये खट्टे-मीठे जंगली बेर? इन्हें बचाने के लिए 'बोरा मैन' ने लगाएं हज़ारों पेड़

पुणे के रहने वाले प्रवीण, जंगली बेर और बोरा को बचाने के प्रयास में जुटे हैं। वह पिछले कई सालों में रंग, स्वाद, फायदे और पौधों की पैदावार के आधार पर कई किस्मों की खोजबीन में लगे हैं।

खंडित मूर्तियों को बचाकर, बनाती हैं बच्चों के लिए खिलौने और घोंसले

By प्रीति टौंक

भगवान की खंडित मूर्ति और तस्वीर की अवहेलना होते देख, नासिक की तृप्ति गायकवाड़ ने अपने दोस्तों से साथ मिलकर शुरू किया प्रोजेक्ट संपूर्णम।

45 उम्र में करती हैं रोज़ 50 किमी तक साइकिलिंग, 10 महीने में घटाया 8 किलो वजन

By निशा डागर

45 वर्षीया कामिनी धांडे, पिछले 10 महीनों से लगातार साइकिलिंग कर रही हैं। वह महिलाओं के लिए साइकिलिंग करने के फायदे बता रही हैं!

हर वीकेंड सड़कों की सफाई करते हैं यह इंजीनियर, 150 किलो प्लास्टिक कर चुके हैं जमा

By निशा डागर

महाराष्ट्र में भंडारा के रहनेवाले, राघव पिछले तीन महीनों से अपने घर और आसपास के प्लास्टिक के कचरे को इकट्ठा करके इसके सही प्रबंधन पर काम कर रहे हैं।

लुप्त हो रहीं पेड़-पौधों की 400 प्रजातियों को सहेज, शहरों में लगा दिए 25 घने जंगल

By निशा डागर

नासिक, महाराष्ट्र के रहने वाले मोहम्मद दिलावर ने पेड़-पौधों की 400 देसी प्रजातियों को सहेजकर, मुंबई, पुणे, पालघर और नासिक में 25 घने जंगल उगाए हैं।

3 वर्ष, 16 गाँव और करोड़ों लीटर जल संरक्षण, पढ़िए एक IRS की प्रेरक कहानी!

IRS डॉ. उज्ज्वल चव्हाण ने अपने गाँव में एक किसान की आत्महत्या से आहत हो, इसे जलसंकट से उबारने का फैसला किया। उनकी कोशिश की वजह से आज 16 गाँव के 30 हजार से अधिक किसानों को लाभ मिल रहा है।

कर्ज में डूबे ऑटो चालक के लिए मसीहा बना समाज, जानिए पूरी कहानी

पुणे के रहने वाले शिवाजी कांबले, कर्ज में डूबे हुए थे। उनके पास इतने पैसे भी नहीं बचे थे कि वह अपने माता-पिता को ठीक से खाना खिला सकें। ऐसे में वह उन्हें किसी तीर्थ स्थल पर छोड़ने चले गए। इसी क्रम किसी ने उसका वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। उसके बाद जो कुछ भी हुआ, उससे उनकी जिंदगी बदल गई।

Global Teacher Award: जानिए कौन हैं 7 करोड़ रुपए जीतने वाले शिक्षक रंजीत सिंह दिसाले

ग्लोबल टीचर पुरस्कार से सम्मानित दिसाले साल 2016 में उस वक्त भी सुर्खियों में थे, जब उन्होंने स्कूल की पाठ्यपुस्तकों को लेकर, एक क्यूआर कोड प्रणाली की शुरुआत की थी, जिसे कई राज्यों द्वारा अपनाया गया था।