आंध्र प्रदेश के श्री सत्य साईं जिले में सालों से बंजर पड़ी 13,900 स्क्वायर फीट की ज़मीन को बेंगलुरु के पुष्पा और किशन कल्याणपुर ने अपने बच्चों के साथ मिलकर केवल 3 महीने की कड़ी मेहनत और कोशिशों से न केवल उपजाऊ बना दिया, बल्कि यहाँ बनाया है 'वृक्षावनम' नाम का एक विशाल और सुन्दर फ़ूड फॉरेस्ट भी, जो आज उनके सस्टेनेबल घर की पहचान बन चुका है।
प्राकृतिक और रीसाइकल्ड चीज़ों से बना 'द गली होम' ख़ास इसलिए भी है, क्योंकि इसे इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि एक तरफ़ तो कोई शांत समुद्र के खूबसूरत नज़ारों के मज़े ले सकता है; वहीँ दूसरी तरफ़ चेन्नई की गलियों की आम चहल-पहल भी देखी जा सकती है।
चलिए आपको मिलाते हैं, अमर्त्य सिन्हा और उनकी पत्नी नूतन सिन्हा से, आज से तीन साल पहले वे 500 मीटर भी ठीक से दौड़ नहीं पाते थे। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और फिटनेस को अपने जीवन का उदेश्य बना लिया, आज वे 50 किमी की दौड़ पूरी करने वाले अल्ट्रा रनर बन चुके हैं और अपने साथ कई और लोगों को भी प्रेरित कर रहें हैं।
वडोदरा, गुजरात के मोहनलाल चौहान (77) और उनकी पत्नी लीलाबेन (71) ने अपनी 47 साल पुरानी बुलेट में, 30 हजार किलोमीटर की भारत यात्रा की हैं। चार बड़ी और शानदार ट्रिप के दौरान घूमें देश के सभी राज्य।
लवप्रीत और उनकी पत्नी, प्रीति गुरुग्राम की भागदौड़ भरी जिंदगी को छोड़, उत्तराखंड के रामगढ़ में बस गए। जहां वह खेती करते हुए एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन जी रहे हैं तथा अपने अनुभव को, अपने यूट्यब चैनल ‘पंजाबी ट्रेकर’ के जरिए लोगों से साझा कर रहे हैं।