"हम तो सिर्फ़ यही कह सकते हैं कि चाहे मैं हूँ या फिर जिला अधिकारी, कुछ सालों बाद हमारा ट्रांसफर हो जाएगा। पर यह शहर और इस शहर के लोग तो यहीं रहेंगे, इसलिए ज़रूरी है कि आम नागरिक अपने हाथों में इस तरह के अभियानों की डोर संभाले और बदलाव लाएं।"
शशि रायगढ़ के डोंगीपानी गांव में प्राइमरी स्कूल के शिक्षक हैं। उन्होंने स्कूल के बच्चों को अंग्रेजी बोलना, लिखना और पढ़ना सिखाया है और आज स्कूल के बच्चे फर्राटेदार अंग्रेजी में बात करते है।
छत्तीसगढ़ में महासमुंद जिले के पिथौरा ब्लॉक में स्थित ग्राम पंचायत सपोस पूरे भारत में एक आदर्श ग्राम पंचायत की मिसाल पेश कर रही है। ग्राम पंचायत सपोस के अंतर्गत दो गाँव, सपोस और गबौद आते हैं। इन दोनों गांवों के विकास के लिए ग्राम पंचायत उम्दा कार्य कर रही है।
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में स्थित पुरई गाँव भारत के खेल-गाँव के नाम से मशहूर है। इस गाँव में हर एक घर में आपको खिलाड़ी मिल जायेंगें। पिछले साल ही भारतीय खेल प्राधिकरण ने गाँव के 12 बच्चों को तैराकी के लिए चुना है। इन बच्चों को ओलिम्पिक के लिए तैयार किया जायेगा।
छत्तीसगढ़ के रहता गाँव के निवासियों की समस्याओं को दूर करने के लिए बालोद जिले की कलेक्टर किरण कौशल ने उनके लिए एक मोटरबोट, लाइफजैकेट्स और दो होम गार्ड नियुक्त किये हैं। दरअसल, इस गाँव के निवासियों को खरखरा बांध के रिज़रवायर को पर करके अरजपूरी जाना पड़ता है।