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1 नवम्बर: भारत के छह राज्यों का एक ऐतिहासिक दिन!

By निशा डागर

भारत के इतिहास में 1 नवंबर का बहुत महत्व है। यह वह तारीख है जिस दिन वर्षों पहले देश के विभिन्न राज्यों का भाषा के आधार पर पुनर्गठन करने का फैसला लिया गया था। साल 1956 से लेकर साल 2000 तक इसी दिन भारत के छह अलग-अलग राज्यों का जन्म हुआ।

छत्तीसगढ़ के युवा आईपीएस आरिफ शेख ने कम्युनिटी पोलिसिंग से बदल दी यहाँ की तस्वीर!

छत्तीसगढ़ के जिले बालोद, बस्तर एवं बिलासपुर में आईपीएस आरिफ शेख द्वारा अनूठी मुहीम के माध्यम से समाज में सकारात्मक परिणाम देखा गया है। 

पीएचडी कर चुके इस युवक ने सोशल मिडिया के ज़रिये की देश के किसानों को जोड़ने की अनोखी पहल!

By निशा डागर

महाराष्ट्र के सांगली जिले में अष्टा गाँव के डॉ अंकुश चोरमुले अपनी पहल 'होय आम्ही शेतकरी' के जरिये लाखों किसानों से जुड़कर उनकी मदद कर रहे हैं। वे व्हाट्सअप ग्रुप और फेसबुक पेज के माध्यम से किसानों के लिए लाइव विडियो करते हैं। उन्होंने फसलों के लिए हानिकारक फॉल आर्मी वॉर्म पर अपनी रिपोर्ट दी है।

इस महिला आईएएस अफ़सर ने अंबिकापुर को बनाया भारत का 'सबसे स्वच्छ छोटा शहर'!

By निशा डागर

लगभग 8 महीने पहले, छत्तीसगढ़ के सुरगुजा जिले की कलेक्टर ऋतू सैन ने अपना स्वच्छता अभियान शुरू किया था। ऋतू साल 2003-बैच की आइएएस अफसर हैं। जिले की राजधानी अंबिकापुर में घुसते ही उन्होंने इस पर काम करना शुरू किया। लगभग 140, 000 लोगों की जनसंख्या वाला अंबिकापुर एक छोटा शहर है।

200 हफ़्तों में 219 स्पॉट्स : बंच ऑफ फूल्स बना रहे हैं अपने शहर को साफ़ और सुन्दर!

पहले ग्रुप के युवा सदस्यों की टोली शहर के गंदे स्थानों का चयन करती है और फिर इसे साफ़ करने की बाकायदा योजना बनाकर काम शुरू करती हे। रविवार या अन्य छुट्टियों के दिन सुबह छ: बजे से ग्रुप के लोग पूर्वनिश्चित स्थान पर सफ़ाई के लिए पहुँच जाते हैं!

सॉफ्टवेर इंजिनियर बना किसान, अब उगाते है सिर जितना बड़ा अमरुद और कमाते हैं 10 लाख प्रति एकड़!

By निशा डागर

हरियाणा के जींद जिले के संगतपुरा गांव में जन्मे नीरज ढांडा किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। कंप्यूटर इंजीनियर की डिग्री लेने के बाद नीरज ने अच्छी कंपनी में काम किया। लेकिन साल 2004 में नीरज ने अपनी अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर पूरी तरह से खेती करने का निश्चय किया। अब वे 'जंबो' अमरुद की खेती से लाखों में कमा रहे है।

मिलिए बघीरा से, जिसने चंद सेकंड में नक्सलों द्वारा छिपाये गए बम का पता लगाकर बचाई कई जानें!

By निशा डागर

हाल ही में, छत्तीसगढ़ के राजनंदगांव ज़िले में बघीरा नामक एक कुत्ते ने नक्सलों द्वारा बिछाए गए लगभग 20 किलोग्राम बारूद का पता लगाकर बहुत से सुरक्षा कर्मियों की जान बचायी है। बघीरा, इंडो-तिब्बती सीमा पुलिस (आईटीबीपी) गश्त विस्फोटक पहचान समूह का प्रशिक्षित कुत्ता है।

देश का पहला ऑक्सी रीडिंग ज़ोन छत्तीसगढ़ के रायपुर में - शिक्षा के क्षेत्र में एक बेमिसाल पहल!

ग्राउंड फ्लोर के साथ साथ तीन मंजिला नालंदा परिसर में युथ टावर की सुविधा, ई लाइब्रेरी , रीडिंग ज़ोन, मल्टीमीडिया, किताब घर के साथ साथ वाद-विवाद शाखा भी है ।

विस्फोट में गंवा दिए दोनों पैर, फिर भी ड्यूटी पर लौटा है सीआरपीएफ का यह जांबाज़ सिपाही!

By निशा डागर

सीआरपीएफ जवान बी. रामदास ने छत्तीसगढ़ के सुकुमा जिले में 208 कोबरा बटालियन के एक ऑपरेशन के दौरान आईईडी विस्फोट में अपने दोनों पैर खो दिए। हाल ही में उन्होंने सेना में वापसी की है तो मेजर सुरेंद्र पुनिया ने उनकी व उन की पत्नी को फोटो ट्विटर पर शेयर की, जो कि वायरल हो रही है।

इस गाँव की महिलाएं बना रही हैं दो हज़ार वाटर टैंक ताकि आने वाली पीढ़ी को न हो पानी की कमी!

राजनांदगांव ज़िले की महिलाएं 2000 सोख्ता गड्ढे का निर्माण कर रही हैं, जिनमें से एक हज़ार सोख्ता गड्ढे (वाटर बैंक) सफलतापूर्वक बना लिए गए है।