कच्छ की रहने वाली राजीबेन वनकर प्लास्टिक वेस्ट से अलग-अलग प्रोडक्ट्स बनाती हैं। कभी मजदूरी करने वाली राजी बेन आज 30 से 40 महिलाओं को रोज़गार दे रही हैं।
दिल्ली की श्री श्याम रसोई में हर दिन हजारों ज़रूरतमंदों को सिर्फ 1 रुपये में भर पेट खाना मिलता है। इस रसोई को शुरू करने के लिए प्रवीण गोयल ने अपने जीवन की सारी जमा पूंजी लगा दी।
साल 2016 में अपने एक दोस्त को हार्ट अटैक से खोने के बाद, देहरादून के रजत जैन ने अपने चार दोस्तों के साथ मिलकर 'स्पंदन' नाम का एक ऐसा डिवाइस तैयार किया, जो बिना हॉस्पिटल गए मिनटों में दिल का हाल बता देता है।
पानीपूरी खाते समय कैलोरी और हाइजिन की चिंता से परेशान होकर दिल्ली की तापसी उपाध्याय ने शुरू कर दिया खुद का पानीपूरी बिज़नेस। उनकी बिना तेल की बनी पूरी और मिनरल वॉटर से बना पानी लोगों को खूब पंसद आ रहा है।
गोरखपुर के रत्नेश तिवारी आज खुद की एक कंपनी चलाने के साथ-साथ, ज़रूरतमंद बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए भी काम कर रहे हैं। वह अब तक 300 से ज़्यादा बच्चों को स्कूल तक पहुंचा चुके हैं।
उदयपुर, राजस्थान के शेर खान ने एक ऐसा 3-In-1 चूल्हा बनाया है, जिसमें 25 लोगों का खाना महज़ 30 मिनट में बन जाता है। इसमें लकड़ियां भी कम लगती हैं और धुआं भी नहीं होता।