अहमदाबाद की 88 साल की पद्मा परीख, इस उम्र में भी खाली बैठना पसंद नहीं करती हैं। वह दिन के चार से पांच घंटे अपने पंसद का काम करती हैं। उन्हें बचपन से ही आर्ट और क्राफ्ट में दिलचस्पी थी, जिसे वह आज तक बड़े शौक़ से करती आ रही हैं। इतना ही नहीं पद्मा दादी एक हैंडीक्राफ्ट बिज़नेस भी चला रही हैं।
उनके बनाए प्रोडक्ट्स की मांग सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि वह विदेशों तक अपने प्रोडक्ट्स बेच रही हैं। उनके हैंडीक्राफ्ट प्रोडक्ट्स को कनाडा, अमेरिका, जापान सहित 10 देशों से ऑर्डर मिल चुके हैं।
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि उन्हें एक आँख से दिखाई नहीं देता, साथ ही उन्हें घुटनों की भी तकलीफ रहती है। इसके बावजूद, यह उनका जज़्बा ही है, जो उन्हें लगातार काम करने के लिए प्रेरित करता है।
विदेशों तक कैसे पहुंचा हैंडीक्राफ्ट बिज़नेस?
पद्मा दादी को वेस्ट में से बेस्ट चीज़ें बनाने का हुनर बखूबी आता है। कभी वह पुराने पर्स को क्रोशिया से नया रूप दे देती हैं, तो कभी प्लास्टिक को रीसायकल करके एक हैंड बैग में बदल देती हैं। पिछले कई सालों से उन्होंने एक से बढ़कर एक चीज़ें बनाई हैं।
अक्सर लोग उनके पास आकर, उनसे कुछ न कुछ बनवाते रहते थे और पद्मा दादी भी बड़ी ख़ुशी से यह काम करती थीं। लेकिन साल 2019 में उनकी पोतियों ने सोचा कि क्यों न नानी के हुनर को हैंडीक्राफ्ट बिज़नेस में बदल दिया जाए और उसे दुनिया तक पहुंचाया जाए और इसी सोच के साथ उन्होंने पद्मा दादी का एक इंस्टाग्राम अकाउंट बनाया।
फिर साल 2020 में लॉकडाउन के दौरान वे नियमित रूप से वीडियोज़ और फोटोज़ अपलोड करने लगे। लोगों को पद्मा दादी का जोश और उनका हुनर इतना पसंद आया कि उन्हे इंस्टाग्राम के ज़रिए ऑर्डर्स भी मिलने लगे। वह समय के अनुसार ही लोगों के ऑर्डर्स लेती हैं। कई लोग उनसे कस्टमाइज़्ड चीज़ें भी बनवाते हैं। उनके बनाए क्रोशिया के रंग-बिरंगे पक्षी उनके बेस्ट सेलिंग प्रोडक्ट्स हैं।
हैंडीक्राफ्ट बिज़नेस चला रहीं पद्मा दादी को जब लोग कहते हैं कि क्या इस उम्र में ये सब काम लेकर बैठी हैं? तो जवाब में वह सबको कहती हैं कि खाली बैठे रहने से अच्छा है कि उम्र के हर पड़ाव पर व्यस्त रहा जाए। आप पद्मा दादी के बनाए प्रोडक्ट्स देखने या खरीदने के लिए उनको इंस्टाग्राम पर सम्पर्क कर सकते हैं।
संपादन- अर्चना दुबे
यह भी पढ़ेंः 13वें माले पर 5000 तितलियां पाल चुकी हैं मुंबई की प्रियंका, जानना चाहेंगे कैसे?
We at The Better India want to showcase everything that is working in this country. By using the power of constructive journalism, we want to change India – one story at a time. If you read us, like us and want this positive movement to grow, then do consider supporting us via the following buttons: