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अनमोल इंडियंस

Inspiring Indians Stories To Motivate From India. \ भारत के उन प्रेरक नायक नायिकाओं की कहानियां, जो अपने काम से भारत को बेहतर से बेहतरीन बनाने में जुटे हैं!

हादसे में गंवाए दोनों पैर, फिर भी हिम्मत के दम पर बनीं सफल योग टीचर

By प्रीति टौंक

एक हादसे में अपने दोनों पैर खोने के बाद हैदराबाद की अर्पिता रॉय एक समय पर ठीक से चल भी नहीं पाती थीं। लेकिन आज वह कठिन से कठिन योग आसन करती हैं और दूसरों को भी सिखाती हैं।

UPPSC 2022 Topper: छोटे से गाँव की रहनेवाली दिव्या ने बिना कोचिंग के हासिल की पहली रैंक

By अर्चना दूबे

उत्तर प्रदेश के आगरा के छोटे से गांव गढ़ी रामी की रहनेवाली 26 साल की दिव्या सिकरवार ने बिना किसी कोचिंग के घर से ही सिविल सर्विसेज़ की तैयारी की और न सिर्फ UPPSC परीक्षा पास की, बल्कि पहली रैंक भी हासिल की।

प्रेरक! 10वीं, 12वीं में फेल होने के बाद, 22 साल की उम्र में IAS अधिकारी बनीं अंजू शर्मा

By अर्चना दूबे

गुजरात कैडर की IAS अधिकारी अंजू शर्मा 10वीं क्लास की प्री बोर्ड परीक्षा में केमिस्ट्री में फेल हो गई थीं और फिर 12वीं में इकोनॉमिक्स के पेपर में भी, लेकिन फिर वह कॉलेज में गोल्ड मेडलिस्ट रहीं और पहले ही प्रयास में UPSC परीक्षा पास कर अफसर भी बनीं।

एक शख़्स ने अपनी सारी जमा पूंजी लगा दी, ताकि ज़रूरतमंदों को मिल सके 1 रुपये में भर पेट खाना

By प्रीति टौंक

दिल्ली की श्री श्याम रसोई में हर दिन हजारों ज़रूरतमंदों को सिर्फ 1 रुपये में भर पेट खाना मिलता है। इस रसोई को शुरू करने के लिए प्रवीण गोयल ने अपने जीवन की सारी जमा पूंजी लगा दी।

22 साल की उम्र में क्रैक की UPSC परीक्षा, बनीं बैच की सबसे कम उम्र की IAS अधिकारी

By अर्चना दूबे

राजस्थान की रहनेवाली स्वाति मीणा ने न सिर्फ बिना किसी कोचिंग के UPSC परीक्षा पास की, बल्कि 260वीं रैंक भी हासिल की। वह अपने बैच की सबसे कम उम्र की IAS अफ़सर थीं।

एक युवक ने की पहल और सड़क पर रहनेवाले 300 बच्चों की बदली ज़िंदगी

By प्रीति टौंक

गोरखपुर के रत्नेश तिवारी आज खुद की एक कंपनी चलाने के साथ-साथ, ज़रूरतमंद बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए भी काम कर रहे हैं। वह अब तक 300 से ज़्यादा बच्चों को स्कूल तक पहुंचा चुके हैं।

पद्म श्री हिरबाई लॉबी: खुद पढ़ न सकीं, लेकिन सिद्दी समुदाय के 700 लोगों को किया शिक्षित

By अर्चना दूबे

गुजरात के एक छोटे से गांव जम्बूर की रहनेवाली हिरबाई लोबी खुद भले ही पढ़ी-लिखी नहीं हैं, लेकिन उन्होंने न सिर्फ सैकड़ों लोगों को शिक्षित किया है, बल्कि उन्हें रोज़गार और स्वास्थ्य जैसी सुविधाएं भी मुहैया करा रही हैं।

सांप पकड़ने वाले 2 दोस्तों को मिला पद्म श्री सम्मान, तमिलनाडु के इरुला समुदाय का बढ़ा मान

By प्रीति टौंक

तमिल नाडु के दो स्नेक कैचर्स वडिवेल गोपाल और मासी सदाइयां को उनके सामाजिक कार्यों के लिए पद्म श्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।

पिता ने घूम-घूमकर कपड़े बेच पढ़ाया, बेटे ने बिना कोचिंग पास की UPSC परीक्षा

By अर्चना दूबे

पिता का संघर्ष, आर्थिक तंगी और मन में कुछ कर गुज़रने की चाह ने बिहार के किशनगंज के रहने वाले अनिल बसाक को ऑफिसर बनने के लिए प्रेरित किया और उन्होंने UPSC परीक्षा पास कर IAS अफसर बनने का सपना पूरा किया।

बलूनवाला: लोगों की खुशियां सजाने के साथ दिया 250 भटकते युवाओं को रोज़गार 

By प्रीति टौंक

अहमदाबाद के मिलन बोचीवाल, पिछले सात सालों से बलूनवाला नाम से एक अनोखे बिज़नेस मॉडल पर काम कर रहे हैं, जिसके ज़रिए वह कई ज़रूरतमंद युवाओं को रोज़गार देने के साथ, शहर की पार्टियों में रंग भर रहे हैं।