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अनमोल इंडियंस

Inspiring Indians Stories To Motivate From India. \ भारत के उन प्रेरक नायक नायिकाओं की कहानियां, जो अपने काम से भारत को बेहतर से बेहतरीन बनाने में जुटे हैं!

93 साल की दादी ने कतरन से 35000 थैलियां बनाकर मुफ्त में बाँट दी

By प्रीति टौंक

हैदराबाद की 93 वर्षीया मधुकान्ता भट्ट ने न सिर्फ़ बेकार कपड़ों से 35000 थैलियां बनाईं बल्कि लोगों में उन्हें मुफ्त बांटा ताकि प्लास्टिक से होने वाले नुकसान से पर्यावरण को बचाया जा सके।

इस शख़्स की पहल से रोज़ साफ हो रहा हिमालय से 5 टन कचरा

By प्रीति टौंक

साल 2016 से प्रदीप सांगवान, हिमाचल प्रदेश के पहाड़ों को प्लास्टिक मुक्त बनाने की मुहिम में लगे हैं। उनकी संस्था 'हीलिंग हिमालय' के वेस्ट कलेक्शन सेंटर में आज हर दिन 5 टन कचरा जमा होता है।

"ऐ गरीबी देख तेरा गुरूर टूट गया", खेतिहर मजदूर माँ और राजमिस्त्री पिता का बेटा बना ऑफिसर

By अर्चना दूबे

मध्य प्रदेश के रहनेवाले संतोष कुमार पटेल और उनका परिवार फूस के एक कमरे में रहता था, लेकिन हर मुश्किल को पार कर संतोष ने बिना कोचिंग MPPSC की परीक्षा पास की और DSP बने।

UPPSC 2022: बस स्टैंड पर छोटी सी दुकान चलाते हैं पिता, बेटी ने 7वीं रैंक हासिल कर बढ़ाया मान

By अर्चना दूबे

मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ की रहनेवाली मोहसिना बानो के पिता ने छोटी सी दुकान चलाकर बेटी को पढ़ाया-लिखाया और तमाम परेशानियों के बावजूद मोहसिना ने न सिर्फ UPPSC 2022 परीक्षा पास की, बल्कि 7वीं रैंक भी हासिल की है।

100 बेजुबानों की देखभाल के लिए इस परिवार ने बेच दिया अपना घर

By प्रीति टौंक

मुंबई की हरसिमरन वालिया और उनके पूरे परिवार ने 100 बेजुबानों के साथ रहने और उनकी देखभाल करने के लिए अपना घर तक बेच दिया।

रिक्शा चालक पिता का बेटा बना IAS ऑफिसर, उनकी असल ज़िंदगी पर बनी यह फिल्म

By अर्चना दूबे

एक रिक्शा चालक पिता ने तमाम संघर्षों के बावजूद बेटे को पढ़ाया-लिखाया। बेटे गोविंद जायसवाल ने भी जी-जान से मेहनत की और IAS ऑफिसर बनकर परिवार का नाम रोशन किया। अब उनके असल जीवन पर फिल्म आ रही है, जिसका नाम है 'अब दिल्ली दूर नहीं'।

9 साल की उम्र से बेचते थे अखबार, आज हैं IFS अधिकारी

By अर्चना दूबे

चेन्नई के कीलकट्टलाई में जन्मे बालमुरुगन के पास कभी अख़बार तक पढ़ने के पैसे नहीं होते थे, तब पढ़ने के लिए उन्होंने 9 साल की उम्र में अखबार बेचना शुरू किया और मेहनत कर बने गए अधिकारी।

लखनऊ की सड़कों पर 1500 साइकिलों पर मुफ़्त में सेफ्टी लाइट लगा चुकी हैं ख़ुशी

By प्रीति टौंक

लखनऊ की रहनेवाली 23 साल की खुशी पाण्डेय साइकिल्स पर लाइट लगाने का अनोखा काम कर रही हैं, ताकि साइकिल सवारों को हादसों से बचाया जा सके।

संघर्षों ने किया प्रेरित! SDM ने दूर-दराज़ के गांवों में खोलीं कई लाइब्रेरी

By अर्चना दूबे

उत्तराखंड के एक छोटे से गांव से आने वाले SDM हिमांशु कफल्टिया ने बड़ी मुश्किलों से तैयारी कर सिविल सर्विस परीक्षा पास की थी। लेकिन सफल होने के बाद, उन्होंने राज्य के हर गांव में लाइब्रेरी खोलने का फैसला किया, ताकि अगली पीढ़ी को भी उन्हीं परेशानियों का सामना न करना पड़े।

पद्म श्री चायवाले गुरु का स्कूल चलाने के लिए बेटी ने छोड़ दी विदेश की नौकरी

By प्रीति टौंक

ओडिशा के पद्म श्री डी प्रकाश राव ने ज़रूरतमंद बच्चों के लिए जिस स्कूल को शुरू किया था, आज उनके जाने के बाद, उनकी बेटी ने विदेश की नौकरी छोड़कर इसे आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी उठाई है। उनके इस नेक काम में आप भी उनका साथ दे सकते हैं!