Powered by

Latest Stories

Homeअनमोल इंडियंस

अनमोल इंडियंस

Inspiring Indians Stories To Motivate From India. \ भारत के उन प्रेरक नायक नायिकाओं की कहानियां, जो अपने काम से भारत को बेहतर से बेहतरीन बनाने में जुटे हैं!

25 साल की मेहनत से इस दम्पति ने उगाएं 6000 पौधे, बचाए सैकड़ों पक्षी

By प्रीति टौंक

मिलिए, गुजरात के शंखेश्वर इलाके के धनोरा गांव में रहनेवाले बुजुर्ग दम्पति दिनेश चंद्र और देविंद्रा ठाकर से, जिन्होंने अपने रिटायरमेंट होम को बनाया कुदरत का घर।

एक अधिकारी ने की पहल और पूरा गांव बन गया इको फ्रेंडली

By प्रीति टौंक

ओडिशा के देबरीगढ़ अभ्यारण्य के पास बसे गांव ढोड्रोकुसुम में, पिछले एक साल से सभी ईको-फ्रेंडली जीवन जी रहे हैं ताकि जंगल के सभी वन्य प्राणी भी प्राकृतिक माहौल में जी सकें। यह सब मुमकिन हुआ यहां की DFO अंशु प्रज्ञान दास की पहल की वजह से।

इस स्कूल की फीस है प्लास्टिक की बेकार बोतलें

By प्रीति टौंक

गाजियाबाद में, NTPC की रिटायर अधिकारी नीरजा सक्सेना पिछले दो सालों से जरूरतमंद बच्चों के लिए फुटपाथ स्कूल चला रही हैं जहाँ पढ़ने की फीस है प्लास्टिक वेस्ट।

कभी दूसरों की मदद से पढ़ाई पूरी करने वाले अबिनाश, आज खुद के खर्च पर पढ़ा रहे हैं 300 बच्चों को

By प्रीति टौंक

चाटोशाली यानी एक ऐसी जगह जहां गांव के बच्चे इकठ्ठा होकर पढ़ाई करते हैं। अबिनाश ने ओडिशा की सालों पुरानी इस प्रथा को जिन्दा किया और संवार दिया सैकड़ों बच्चों का भविष्य।

हरियाली का अनोखा मिशन चला रहे हैं प्रदीप, रिटायरमेंट के बाद लगाए 60 हजार पौधे

By प्रीति टौंक

ओडिशा के प्रदीप कुमार रथ ने रिटायर होने के बाद अपना पूरा जीवन पर्यावरण को समर्पित करने का फैसला किया है। 'परिवेश सुरक्षा अभियान' के ज़रिए उन्होंने गांवों की महिलाओं और बच्चों की मदद से 60,000 से अधिक पौधे लगाए हैं।

93 साल की दादी ने कतरन से 35000 थैलियां बनाकर मुफ्त में बाँट दी

By प्रीति टौंक

हैदराबाद की 93 वर्षीया मधुकान्ता भट्ट ने न सिर्फ़ बेकार कपड़ों से 35000 थैलियां बनाईं बल्कि लोगों में उन्हें मुफ्त बांटा ताकि प्लास्टिक से होने वाले नुकसान से पर्यावरण को बचाया जा सके।

इस शख़्स की पहल से रोज़ साफ हो रहा हिमालय से 5 टन कचरा

By प्रीति टौंक

साल 2016 से प्रदीप सांगवान, हिमाचल प्रदेश के पहाड़ों को प्लास्टिक मुक्त बनाने की मुहिम में लगे हैं। उनकी संस्था 'हीलिंग हिमालय' के वेस्ट कलेक्शन सेंटर में आज हर दिन 5 टन कचरा जमा होता है।

"ऐ गरीबी देख तेरा गुरूर टूट गया", खेतिहर मजदूर माँ और राजमिस्त्री पिता का बेटा बना ऑफिसर

By अर्चना दूबे

मध्य प्रदेश के रहनेवाले संतोष कुमार पटेल और उनका परिवार फूस के एक कमरे में रहता था, लेकिन हर मुश्किल को पार कर संतोष ने बिना कोचिंग MPPSC की परीक्षा पास की और DSP बने।

UPPSC 2022: बस स्टैंड पर छोटी सी दुकान चलाते हैं पिता, बेटी ने 7वीं रैंक हासिल कर बढ़ाया मान

By अर्चना दूबे

मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ की रहनेवाली मोहसिना बानो के पिता ने छोटी सी दुकान चलाकर बेटी को पढ़ाया-लिखाया और तमाम परेशानियों के बावजूद मोहसिना ने न सिर्फ UPPSC 2022 परीक्षा पास की, बल्कि 7वीं रैंक भी हासिल की है।

100 बेजुबानों की देखभाल के लिए इस परिवार ने बेच दिया अपना घर

By प्रीति टौंक

मुंबई की हरसिमरन वालिया और उनके पूरे परिवार ने 100 बेजुबानों के साथ रहने और उनकी देखभाल करने के लिए अपना घर तक बेच दिया।