गुजरात के एक ग्रामीण बैंक में गार्ड की नौकरी करनेवाले संजय हथवाणी, आयुर्वेदिक जूस का बिज़नेस करते हैं। कैक्टस फ्रूट, जिसे पहले लोग जंगली फल समझकर फेंक दिया करते थे, उसके आयुर्वेदिक फायदों की जानकारी मिलते ही, उन्होंने इससे पार्ट टाइम बिज़नेस करने का फैसला किया।
ओडिशा प्रशासन में 12 सालों तक सेवा देने के बाद डॉक्टर नीना सिंह ने दो साल कॉर्पोरेट सेक्टर में काम किया। अब वह मोती की खेती कर रही हैं और लाखों रुपये कमा रही हैं।
पेशे से इंजीनियर, सूरत के जशवंत पटेल ने BSNL में नौकरी से रिटायर होने के बाद खेती करना शुरू किया। आज वह ऐसी-ऐसी किस्मों के ड्रैगन फ्रूट उगा रहे हैं, जिनको चखना तो दूर हमने देखा भी न हो।
पिछले 15 सालों से एक्टिंग करते हुए, टीवी के मशहूर कलाकार आशीष शर्मा ने कभी नहीं सोचा था कि वह खेती भी कर सकते हैं। लेकिन लॉकडाउन के दौरान, उन्होंने न सिर्फ खेती सीखी, बल्कि आज अपने पिता के साथ मिलकर उनके आर्गेनिक प्रोडक्ट्स को मुंबई में भी बेच रहे हैं।
कर्नाटक के एचडी कोटे तालुका की आदिवासी महिला, प्रेमा ने कपास और मकई की पारंपरिक खेती करना छोड़, सुपर फूड चिया की ओर रुख किया। आज वह इस खेती से तीन गुना ज्यादा कमा रही हैं।
51 की उम्र में नवसारी की लक्ष्मी पटेल ने अपनी जमीन खरीदी और शुरू की आम और चावल की खेती। आज वह ऑर्गेनिक तरीकों का उपयोग करके अपने खेतों से लाखों का मुनाफा कमा रही हैं। पढ़ें उनकी सफलता की कहानी।
भारत में हाइड्रोपोनिक खेती में माहिर हैं सीवी प्रकाश। वह अब तक 12 हजार से ज्यादा लोगों को प्रशिक्षित कर चुके हैं। हाल ही में उन्होंने विश्व स्तरीय हल्दी उगाने का एक अनूठा तरीका खोजा है।
गुजरात के पुरषोत्तम सिद्धपारा, आर्गेनिक खेती पर भरोसा कर और फसल बेचने के लिए मार्केटिंग की अनोखी रणनीति अपनाकर, आज अपने प्रोडक्ट्स दस देशों को एक्सपोर्ट कर रहे हैं।
झारखंड का धनबाद इलाका, कोयले की खानों के लिए जाना जाता है। ऐसे में, खेती के लिए यहां काफी कम संभावनाएं हैं। लेकिन इस इलाके के एक मज़दूर उमा महतो ने, अपनी दो एकड़ जमीन को 15 साल की मेहनत से उपजाऊ बना दिया।