Powered by

Latest Stories

Homeप्रेरक किसान

प्रेरक किसान

Farmers Success Stories | Successful Farmers | Farming Tips

कभी 16 हज़ार की नौकरी के लिए घूस देने से मना कर दिया था, आज खेती से कमा रहे लाखों!

सतीश पूरे साल में लगभग 50 टन करेले का सफल उत्पादन करते हैं, उन्हें करेला विशेषज्ञ भी कहा जाता है।

कभी ऑफिस बॉय की नौकरी करते थे, आज खेती के ज़रिए हुआ 400 करोड़ रूपए का टर्नओवर!

ज्ञानेश्वर TEDx स्पीकर के तौर पर आमंत्रित होने वाले पहले भारतीय किसानों में से एक हैं।

किसानों की मदद और अपना स्टार्टअप, इनसे जानिए घर पर कैसे करें 'कस्तूरी हल्दी' की प्रोसेसिंग!

By निशा डागर

डॉ. जयचंद्रन के मुताबिक, 100 ग्राम कस्तूरी हल्दी पाउडर की कीमत 200 से 250 रूपये तक होती है!

'लव लोकल, बाय लोकल': महिला उद्यमियों ने सोशल मीडिया के ज़रिए किसानों को दिलाया लोकल बाज़ार

"हम किसानों को उनके उत्पाद के लिए एक मार्केट देना चाहते हैं। आज और भी जरुरत है स्थानीय किसानों और उद्यमों को अपने स्तर पर समर्थन देने की।"

यूपी के शख्स ने बनाई गोबर से लकड़ी बनाने वाली मशीन, प्रति माह 8000 की आय का हुआ जुगाड़!

By पूजा दास

सिंह कहते हैं, "गोबर से लकड़ी बनाकर हम न केवल अपशिष्ट प्रबंधन कर रहे हैं बल्कि लकड़ी का एक बढ़िया विकल्प बनाने में भी मदद कर रहे हैं।"

झारखंड: साइंटिस्ट से कम नहीं हैं ये महिलाएं, रेशम की वैज्ञानिक खेती कर कमा रही हैं मुनाफा!

By कुमार विकास

सैकड़ों महिलाएँ जो कल तक स्मार्ट फोन तक भी नहीं देख पायी थीं, आज माइक्रोस्कोप के जरिए अंडा एवं कीट उत्पादन की टेस्टिंग कर रही हैं।

नौकरी छोड़, दिव्यांग किसान ने शुरू की मशरूम की खेती, मुनाफे के साथ मिले कई अवॉर्ड!

दो साल की उम्र में पोलियो से ग्रसित हो चुके मांड्या निवासी जे. रामकृष्ण ने 300 किसानों को कम लागत वाले व्यवसाय शुरू करने में मदद की है।

लंदन से की पढ़ाई और भारत लौटकर बन गईं जैविक किसान, 25 किसानों को दिया रोज़गार!

By निशा डागर

लॉकडाउन में दूसरे किसान जहां बाज़ार न मिलने से परेशान थे वहीं उन्हें हर दिन सब्ज़ियों की होम डिलीवरी के ऑर्डर्स मिल रहे थे!

मुंबई वालों के पसंदीदा फूलों की खेती कर बन गए लखपति, अब दूसरे किसानों को दे रहे प्रेरणा!

“जब मैंने मोगरा विक्रताओं को सोनचाफा के बारे में बताया, तो इससे पहले न तो उन्होंने इसके बारे में सुना था और न ही ऐसा कोई फूल देखा था। इसलिए मैं मुफ़्त में ही कई हफ़्तों तक उन्हें यह फूल देता रहा।" - रॉबर्ट डीब्रिटो